नौकरी के नाम पर 65.50 लाख की ठगी
नौकरी दिलाने के नाम पर 13 लोगों से 65 लाख रुपये ठग लिए गए।
बदायूं : सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर शहर के 13 युवकों से जालसाजों ने 65.50 लाख रुपये ठग लिए। नौकरी न मिलने पर रकम वापसी का दबाव बनाया तो आरोपितों ने सभी को अलग-अलग बैंकों के चेक दिए जो बाउंस हो गए। इनमें दो शातिरों को पीड़ित पक्ष ने रविवार को पकड़कर पुलिस को सौंपा है। देर रात तक पुलिस इनसे पूछताछ में जुटी हुई थी।
सिविल लाइंस क्षेत्र में अलापुर रोड पर गौरीशंकर मंदिर के पास रहने वाले अनंद यादव पिछले दिनों नौकरी तलाश रहा था। इस दौरान जालंधरी सराय निवासी एक व्यक्ति उसे मिला। व्यक्ति ने बताया कि उसकी लखनऊ सचिवालय में अच्छी पैठ है। वह किसी भी नौकरी लगवा सकता है। झांसे में आए अनंद ने उससे नौकरी दिलाने को कहा तो आरोपित उसे लखनऊ के इंदिरानगर सी ब्लाक में रहने वाले एक व्यक्ति के पास से गया। उस व्यक्ति ने कहा कि सरकारी नौकरी के लिए काफी मोटी रकम खर्च होती है। ऐसे में अगर वह अन्य लोगों को भी ले आए तो सस्ते में काम हो जाएगा। इस पर अनंत ने अपने परिचितों को यह बात बताई तो 12 अन्य लोग भी इसके लिए राजी हो गए। सभी ने आरोपितों के बताने पर उन्हें रकम भी दी। क्योंकि आरोपितों ने नौकरी न मिलने पर रकम वापस करने को भी कहा था। सभी ने मिलकर आरोपितों को 65 लाख 50 हजार रुपये दिए। काफी दिन तक चक्कर लगाने के बाद भी कोई नतीजा न निकलने पर इन लोगों को ठगी का एहसास हुआ तो जालंधरी सराय में रहने वाले ठग के पास पहुंचे और रकम मांगी। इस पर ठग ने इन लोगों को हड़काना शुरू कर दिया। जबकि बाद में दोनों ठगों ने मिलकर सभी की रकम विभिन्न बैंकों के चेकों से वापस लौटा दी। चेक बाउंस हुए तो इन लोगों को पता लगा कि हर तरफ से ठग चुके हैं। दो आरोपित पकड़े
रविवार को लोगों ने दो आरोपितों को पकड़ लिया। दोनों को सदर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ शुरू की। वहीं बाउंस हुए चेक भी देखे। स्थिति स्पष्ट होने पर देर रात तक पुलिस हर पहलू पर पूछताछ में लगी थी। इनके साथ हुई ठगी
अनंत के अलावा शहर निवासी संजीव पाल, प्रेमचंद्र, ब्रजेश, दरियाब सिंह, सर्वेश, देवकुमार, शैलेंद्र, रमेश, प्रखर, राजीव, सुमित व संजीव के साथ ठगी की घटना हुई है। आरोपितों द्वारा दिए गए चेक भी आइसीआइसीआइ के अलावा सीबीआइ लखनऊ के हैं। वर्जन ::
दो लोगों से पूछताछ चल रही है। किस हद तक कौन सही है, इसकी पड़ताल की जा रही है। वैसे मामला हमारे थाना क्षेत्र का नहीं है लेकिन युवाओं से ठगी हुई है, ऐसे में इस नेटवर्क को ध्वस्त करना भी जरूरी है। इसलिए पड़ताल कर रहे हैं।
- ओमकार सिंह, सदर कोतवाल