52 इंचार्ज प्रधानाध्यापकों ने दिया इस्तीफा
प्रेरणा एप के लागू होने से जिले भर के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों में नाराजगी है। म्याऊं बीआसी पर शिक्षकों ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की। 52 इंचार्ज प्रधानाध्यापकों ने अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दिया।
जागरण संवाददाता, बदायूं : प्रेरणा एप के लागू होने से जिले भर के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों में नाराजगी है। म्याऊं बीआसी पर शिक्षकों ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की। 52 इंचार्ज प्रधानाध्यापकों ने अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दिया। ब्लॉक मंत्री उदयवीर सिंह यादव ने कहा, प्रेरणा एप शिक्षक, शिक्षा व राष्ट्र के हित में नहीं है। एप वापस न लेने पर कार्य बहिष्कार व तालाबंदी की चेतावनी दी। वहीं, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने 12 सूत्रीय मांगें पूरी करने पर ही प्रेरणा एप लागू करने की मांग की। कहा, गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करके शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। प्रेरणा एप के विरोध में 12 सितंबर को बीएसए व 13 सितंबर को डीएम कार्यालय पर दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। वहीं, विकास क्षेत्र जगत पर आफाक अहमद व मानवेंद्र सिंह ने एप लागू करने के फैसले की निदा करते हुए पूर्ण बहिष्कार की बात कही। शिक्षकों ने भरी हुंकार
आसफपुर बीआरसी पर ब्लॉक अध्यक्ष यतींद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षक कमजोर नहीं हैं। अंबियापुर ब्लॉक अध्यक्ष सुशील ने प्रेरणा एप लागू करने को निजता संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया। वापसी न करने की स्थिति में अदालत की शरण में जाने की बात कही। कादरचौक के ब्लॉक अध्यक्ष ब्रजेश यादव व हरीश यादव ने प्रेर णा एप को प्राण-ना-एप बताया। शिक्षकों को इसे नेट से डाउनलोड न करने की शपथ दिलाई। सालारपुर के अध्यक्ष सुरेंद्र पटेल ने कहा, एप लागू करना शिक्षकों का अपमान है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डॉ. अखिलेश पांडेय, कामिनी राठौर, कैलाश यादव, शशिकांत, द्वारिका प्रसाद, अनिल, सौरभ शर्मा, रामनिवास, विपिन पाल आदि ने कहा, शिक्षकों से सिर्फ पढ़ाने का काम ही कराया जाए। अन्य कामों को हटाएंगे तो वह पूरे मनोयोग से पढ़ा सकेंगे। पहले सरकार लंबित पड़ी पुरानी पेंशन बहाली, अंतरजनपदीय स्थानांतरण, सफाइकर्मी व क्लर्कों की तैनाती, शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था आदि मांगें को पूरी करे।