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तीन वर्षों में 128 लोगों को निगल चुके हैं 16 ब्लैक स्पाट

सड़क हादसों में कमी लाने को जिला प्रशासन ने पहले 32 स्थान ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए। यहां साइन बोर्ड और सफेद पट्टी बनवाकर लोगों को इसके लिए जागरूक किया। इससे वह यहां पर नियंत्रित गति के साथ वाहन चलाए। प्रशासन की इस पहल का असर भी दिखा। इन ब्लैक स्पाट पर होने वाले हादसों की संख्या में कमी आई। इस पर ब्लैक स्पॉट की संख्या घटाकर 32 से 16 कर दी गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 12:45 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 12:45 AM (IST)
तीन वर्षों में 128 लोगों को निगल चुके हैं 16 ब्लैक स्पाट
तीन वर्षों में 128 लोगों को निगल चुके हैं 16 ब्लैक स्पाट

जेएनएन, बदायूं : सड़क हादसों में कमी लाने को जिला प्रशासन ने पहले 32 स्थान ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए। यहां साइन बोर्ड और सफेद पट्टी बनवाकर लोगों को इसके लिए जागरूक किया। इससे वह यहां पर नियंत्रित गति के साथ वाहन चलाए। प्रशासन की इस पहल का असर भी दिखा। इन ब्लैक स्पाट पर होने वाले हादसों की संख्या में कमी आई। इस पर ब्लैक स्पॉट की संख्या घटाकर 32 से 16 कर दी गई। जहां पिछले तीन वर्षों में 128 मौतें हो चुकी हैं। इसका प्रमुख कारण लोगों का तेज गति से वाहन चलाना, ओवरलोडिंग या फिर यातायात नियमों का पालन नहीं करना बन रहा है। इससे हादसों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।

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शहर के भामाशाह चौराहा और नवादा चौराहे पर अक्सर ही दुर्घटना होती थी। इसलिए इसको ब्लैक स्पाट बनाकर काम कराया गया है। नवादा चौराहे पर ट्रैफिक लाइट लगवाकर दुर्घटनाएं कम कराने की कोशिश हुई लेकिन कुछ ही दिनों में ट्रैफिक लाइटें खराब हो गईं। अब सड़क दुर्घटनाएं फिर शुरू हुईं तो सफेद पट्टियां बनवा दी गई हैं। जिले के अन्य जगहों पर भी सफेद पट्टी लगाकर सुधार कराने की तैयारी है। इंद्राचौक से श्रीकृष्ण इंटर कालेज जाने वाले मार्ग का सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया जो अब बंद हो गया है टूटे रोड की वजह से दिक्कत हो रही है। प्राइवेट बस स्टैंड के पास का भी यही हाल है। गड्ढे बचाने के चक्कर में वाहन चालक साइड में निकलते हैं और पीछे से तेज गति से आने वालों से टकरा जाते हैं। यह होती है व्यवस्था

ज्यादा दुर्घटनाएं होने पर स्थानों को ब्लैक स्पाट बनाया जाता है। जहां दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र होने की जानकारी लिखी जाती है, सफेद पट्टियां बनाई जाती हैं और बैरिकेटर बनाकर वाहन की गति धीमी की जाती है। यह हैं ब्लैक स्पाट

- भामाशाह चौक

- बनकोटा

- नवादा चौराहा

- जिरौलिया

- छतुइया फाटक

- बुटला दौलत

- हत्सा

- सोई पुलिया

- ओरछी

- सर्वा

- मंडी समिति

- उस्मानपुर

- चौपाल सागर

- खुनक

- घटपुरी

- सतेती चौराहे पर सवारियां भराना है बड़ा कारण

फोटो 26 बीडीएन 15

चौराहे पर वाहनों के सवारियां भरने की वजह से अक्सर ही दुर्घटनाएं होती हैं। वाहन एकदम मुड़ते हैं और मोड़ पर खड़े होकर सवारियां भरते इन वाहनों से टकरा जाते हैं। पुलिस व होमगार्डों के मना करने पर भाग जाते हैं और दोबारा से फिर वहीं सवारियां भरने लगते हैं।


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