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ब्लैक में 170 का बिक रहा 100 रुपये का स्टांप

ई-स्टांप की व्यवस्था शुरू होते ही 100 रुपये का स्टांप ब्लैक में 170 रुपये तक बिक रहा है। जिला मुख्यालय पर रजिस्ट्री कार्यालय से लेकर तहसीलों तक यही स्थिति है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 01:37 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 01:37 AM (IST)
ब्लैक में 170 का बिक रहा 100 रुपये का स्टांप
ब्लैक में 170 का बिक रहा 100 रुपये का स्टांप

जेएनएन, बदायूं : ई-स्टांप की व्यवस्था शुरू होते ही 100 रुपये का स्टांप ब्लैक में 170 रुपये तक बिक रहा है। जिला मुख्यालय पर रजिस्ट्री कार्यालय से लेकर तहसीलों तक यही स्थिति है। स्टांप वेंडर कोषागार से महंगा स्टांप पेपर आने की कह रहे हैं। वहीं, कोषागार के अफसर मांग के सापेक्ष मंडल डिपो बरेली से ही कम स्टांप आने की बात तो कह रहे हैं। लेकिन, महंगा स्टांप दिए जाने की बात को बेबुनियाद बता रहे हैं।

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कचहरी, तहसील व रजिस्ट्री कार्यालय में इन दिनों स्टांप पेपर ब्लैक में बिक रहे हैं। जमीन की खरीद फरोख्त हो या फिर आय, निवास प्रमाण पत्र, शपथ पत्र व अन्य न्यायिक कार्य। सभी में स्टांप की जरूरत पड़ती है। आम आदमी को 100 रुपये के स्टांप की अक्सर जरूरत पड़ती है। इस समय स्टांप विक्रेता सौ रुपये का स्टांप ग्राहकों को 150 रुपये से अधिक में बेच रहे है। कम मात्रा में स्टांप पेपर होने का हवाला देकर सबसे अधिक 100 रुपये के स्टांप की ब्लैक की जा रही है। वहीं, दूसरा करण यह भी है कि सरकार ने पेपर लैस ई-स्टांप की शुरुआत की है। इससे स्टांप पेपर की छपाई बंद हो गई है। बरेली मंडल डिपो से छोटे स्टांप पेपर कम ही मात्रा में आ रहे हैं। स्टांप वेंडर इसी बात का फायदा उठा रहे हैं। शपथ पत्र में लगने वाले 10 व 20 रुपये के स्टांप भी ब्लैक में बेचे जा रहे हैं।

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एक माह में पांच करोड़ के स्टांप की खपत

जिले में कुल 130 स्टांप वेंडर हैं। इस समय कोषागार में 100 रुपये के कुल 100 और दस रुपये के एक हजार स्टांप का स्टॉक है। एक महीने में कोषागार से तकरीबन पांच करोड़ रुपये के छोटे बड़े स्टांप की खपत होती है। फोटो 16 बीडीएन 06

इस समय 100 रुपये से लेकर छोटे स्टांप की किल्लत है। यहां 100 रुपये का स्टांप पर 150 रुपये से अधिक में बिक रहा है। ई-स्टांप बैंक में न लेने से ग्राहक कम खरीद रहे हैं।

दीपक सक्सेना, प्रलेखक रजिस्ट्री कार्यालय फोटो 16 बीडीएन 07

ई-स्टांप ग्राहक कम खरीदना पसंद करते हैं। चूंकि छोटे स्टांप पेपर की जरुरत ज्यादा होती है। इससे स्टांप पेपर पर ब्लैक की समस्या खड़ी हो गई है।

नितिन सक्सेना, ई-स्टांप विक्रेता

फोटो 16 बीडीएन 08

कोषागार से ही स्टांप पर ब्लैक चल रही है, तो ग्राहकों को ब्लैक में ही बेचे जा रहे हैं। इन दिनों पहले की अपेक्षा 100 रुपये का स्टांप कम मिल रहा है।

मुकेश कुमार रस्तोगी, स्टांप विक्रेता

फोटो 16 बीडीएन 09

छोटे स्टांप पेपर कोषागार से खपत की अपेक्षा कम मिल रहे हैं। डिपो से स्टांप कम आने की वजह से स्थानीय स्तर पर ब्लैक हो रही है। इसमें हमें भी काफी परेशानी हो रही है।

राकेश कुमार, स्टांप विक्रेता

वर्जन ::

स्टांप की छपाई बंद होने से डिपो से कम मात्रा में स्टांप आ रहे हैं। अगर कोई वेंडर ब्लैक में स्टांप बेच रहा है तो इसकी शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी। कोषागार से अधिक मूल्य पर स्टांप देने की बात बेबुनियाद है। वेंडर जितने का चालान जमा करते हैं, उतने रुपये के स्टांप पेपर दिए जाते है।

- सुधीर कुमार गंगवार, प्रभारी कोषाधिकारी


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