आखिर कहां गए खाद्यान्न घोटाले के आरोपी
आजमगढ़ : साफ्टवेयर में सेंध लगाकर खाद्यान्न लूटने के मामले में आरोपित मुबारकपुर के दोनों
आजमगढ़ : साफ्टवेयर में सेंध लगाकर खाद्यान्न लूटने के मामले में आरोपित मुबारकपुर के दोनों कोटेदार कहां हैं, पुलिस को कोई जानकारी नहीं है। जबकि इस मामले में दोषी लोगों के विरुद्ध मुबारकपुर थाने में ईसी एक्ट (एसेंशियल कमोडिटी), आवश्यक वस्तु अधिनियम 1957, आइटी एक्ट (इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी) 2000 व आधार एक्ट 2016 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज है। एक सप्ताह बीतने को है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसे लेकर पुलिस व विभाग पर अंगुलियां उठनी शुरू हो गई हैं।
बीते दिनों साफ्टवेयर घोटाले में प्रमुख सचिव की तरफ से नोटिस जारी की गई थी। इसमें जनपद के मुबारकपुर के दो कोटेदारों को संलिप्त होना बताया गया था। इसे गंभीरता से लेते हुए जिला पूर्ति अधिकारी गौरीशंकर शुक्ला ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर इसकी जांच कराई थी। जांच में कोटेदार अब्दुल कलाम पर 53 राशनकार्ड से ई-पॉश मशीन से खाद्यान्न निकालने की पुष्टि हुई थी। इसी प्रकार कोटेदार ओमप्रकाश के ई-पॉश मशीन से 23 राशनकार्ड से खाद्यान्न निकालने की पुष्टि हुई थी। तीन सदस्यीय टीम में शामिल एआरओ अनिल यादव, पूर्ति निरीक्षक संजय ¨सह, इंद्रासनी यादव ने अपनी जांच रिपोर्ट डीएसओ को सौंप दी थी। डीएसओ रिपोर्ट से अवगत होते हुए जिलाधिकारी के समक्ष बीते दिनों प्रस्तुत किया गया था। इस पर जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। डीएसओ के निर्देश पर एआरओ अनिल यादव ने कोटेदार अब्दुल कलाम व ओमप्रकाश के खिलाफ मुबारकपुर थाने में 30 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया था।
दूसरे जनपदों में अभी तक तमाम आरोपी कोटेदारों के विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है लेकिन लगभग एक पखवारा बीतने को है और पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस संबंध में मुबारकपुर एसओ मंजय ¨सह का कहना है कि पुलिस अभी जांच कर रही है। जांच के बाद ही गिरफ्तारी होगी। वैसे इस तरह के मामले में चार्जशीट लगने के बाद ही गिरफ्तार किया जाता है। ''एफआइआर दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी। अन्य जिलों में आरोपी कोटेदारों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ऐसे में पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर सकी है तो इसमें विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं है।''
-देवमणि मिश्रा, जिला पूर्ति अधिकारी।