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स्रोतों में अब जल भरेगा, पानी सहेजेगा मनरेगा

आजमगढ़ : एक जमाने में लोगों के लिए पेयजलापूर्ति का साधन सिर्फ कुएं, बावड़ी, पोखरे और नदियां ही होती थीं। लोग प्राकृतिक जलस्त्रोतों से ही खुद पानी पीते थे और जानवरों को भी पिलाते थे। हजारों कुएं लोगों को पेयजलापूर्ति का प्रमुख साधन रहे लेकिन भूगर्भ जलस्तर गिरने से यह लगातार सूखते गए और पट चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 07:12 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 07:12 AM (IST)
स्रोतों में अब जल भरेगा, पानी सहेजेगा मनरेगा
स्रोतों में अब जल भरेगा, पानी सहेजेगा मनरेगा

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : एक जमाने में लोगों के लिए पेयजलापूर्ति का साधन सिर्फ कुएं, बावड़ी, पोखरे और नदियां ही होती थीं। लोग प्राकृतिक जलस्त्रोतों से ही खुद पानी पीते थे और जानवरों को भी पिलाते थे। हजारों कुएं लोगों को पेयजलापूर्ति का प्रमुख साधन रहे लेकिन भूगर्भ जलस्तर गिरने से यह लगातार सूखते गए और पट चुके हैं। लोगों ने इन पर कब्जा कर लिया। कुछ में तो कचरा फेंका जा रहा है वहीं जिनमें पानी आ रहा है तो उनका जीर्णोद्धार नहीं किया गया। इससे जल संकट बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए शासन ने मनरेगा के जाब कार्ड धारकों से नदियों व जलस्त्रोतों को जीवंत करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिलाधिकारी ने बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता से जनपद के सभी जलस्त्रोतों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सभी खंड विकास अधिकारी व कार्यक्रम अधिकारियों को भी समुचित निर्देश जारी किए गए हैं। ग्राम पंचायतों से कराया जाएगा पुनरुद्धार

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जलस्त्रोतों का पुनरुद्धार ग्राम पंचायतों के माध्यम से भी कराया जाएगा। इसकी सूची, विवरण, लंबाई किमी सहित अन्य जानकारी मांगी जा रही है। प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ उपलब्ध कराएंगे। मनरेगा एसओआर के अनुरूप कार्य कराए जाने में विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी। परियोजनाओं के संबंध में संबंधित ग्राम पंचायत के पक्ष में तकनीकी स्वीकृति प्रदान करते हुए विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से पर्यवेक्षण कर परियोजनाओं को विभागीय मानक के अनुरूप जनोपयोगी बनाया जाएगा। जॉबकार्ड धारकों को मिलेगा रोजगार

मनरेगा के तहत कार्य करने वाले जाब कार्डधारकों को जलस्त्रोतों के पुनरोद्धार का कार्य कराया जाएगा। इसके तहत उन्हें जहां रोजगार मिलेगा वहीं जल संरक्षण का कार्य भी होगा। विलुप्त हो रही नदियां व तालाब अपने अस्तित्व में आएंगे। ''जनपद के सभी ग्राम पंचायतों व बाढ़ खंड के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। सूचना मिलते ही सभी जलस्त्रोतों का पुनरोद्धार करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।''

-बीबी ¨सह, डीसी मनरेगा।


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