स्वीकृति के बिना अर्जित अवकाश मान्य नहीं
आजमगढ़ खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा चिकित्सा एवं अर्जित अवकाश के लिए दिए जाने वाले प्रार्थना पत्र की शासन पड़ताल कराएगा।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा चिकित्सा एवं अर्जित अवकाश के लिए दिए जाने वाले प्रार्थना पत्र की शासन पड़ताल कराएगा।
आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश मनीष चौहान ने जिलाधिकारी, समस्त संयुक्त आयुक्त एवं उपायुक्त खाद्य और समस्त जिलापूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारी, जो अर्जित अवकाश का मात्र प्रार्थना पत्र देकर बिना स्वीकृति के अवकाश पर प्रस्थान करते हों, उनके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा जाए और उनका अवकाश स्वीकृत न किया जाए। यह भी निर्देश दिया है कि अर्जित अवकाश की स्वीकृति के पूर्व देख लिया जाए कि उसके लिए समुचित कारण विद्यमान हैं एवं अवकाश की अवधि उचित है।
आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग ने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि खाद्य एवं रसद विभाग के कतिपय अधिकारी व कर्मचारी अवकाश संबंधी प्रार्थना पत्र प्रेषित कर लंबी अवधि के अवकाश पर चले जाते हैं। उसके बाद निरंतर प्रार्थना पत्र प्रेषित करते हुए अवकाश की समयावधि को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया जाता है। इससे अनावश्यक रूप से शासकीय कार्यों में अवरोध उत्पन्न होता है। यह भी संज्ञान में आया है कि ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अवकाश लेने के बाद बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के मुख्यालय छोड़ दिया जाता है। यह प्रवृत्ति अत्यंत आपत्तिजनक है।
.......
इन बिदुओं पर सुनिश्चित होगी कार्रवाई -अपने स्तर से अपने नियंत्रणाधीन कर्मचारियों की समीक्षा कर लें कि कितने कार्मिक अवकाश पर चल रहे हैं और कब से। ऐसे कार्मिक जो लंबे समय से चिकित्सा अवकाश का उपभोग कर रहे हैं, उनका मेडिकल बोर्ड गठित कर विभागीय अधिकारी की उपस्थिति में स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत आख्या प्राप्त की जाए। यह भी सुनिश्चत किया जाए कि अवकाश लेने वाले कार्मिक बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के मुख्यालय न छोड़ें और अपना इलाज मुख्यालय पर ही कराएं।
-मेडिकल बोर्ड की संस्तुति में यदि किसी कार्मिक को किसी ऐसी बीमारी से ग्रसित होने के विषय में सूचित किया जाता हो जिसके कारण वह अग्रेतर शासकीय सेवा करने में सक्षम प्रतीत न होता हो, तो उसके अनुसार आख्या अपनी संस्तुति सहित प्रेषित करें।
-जिन अधिकारी व कर्मचारी द्वारा किसी प्रतियोगी परीक्षा देने की अनुमति ली गई है। उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई अवकाश नहीं दिया जाए। प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए अनुमति इस शर्त के साथ ही दी जाती है कि उन्हें कोई अवकाश देय नहीं होगा। यदि फिर भी उनके द्वारा अवकाश लिया जाता है तो उनकी परीक्षा की अनुमति रद करने के लिए कार्रवाई की जाए और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा जाए।