फटे गद्दे और टूटे बेड पर अब नहीं होगा इलाज
जागरण संवाददाता बलरामपुर (आजमगढ़) मंडलीय जिला चिकित्सालय में अब फटे गद्दे और टूटे बेड
जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़) : मंडलीय जिला चिकित्सालय में अब फटे गद्दे और टूटे बेड पर मरीजों को नहीं सोना पड़ेगा। सीटी स्कैन के लिए भी बाहर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। नया बेड लगाने के साथ ही फटे गद्दे हटाकर बेडशीट के साथ वार्डों में रखवा दिया गया है।
यही नहीं 10 स्ट्रेचर मंगवा लिए गए हैं और वार्डों की निगरानी के लिए 10 वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए हैं। इससे फायदा यह होगा कि अपने कक्ष में बैठकर पूरी व्यवस्था की निगरानी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक खुद करेंगे। पैथालाजी में जांच को लेकर आने वाली शिकायत भी दूर होगी क्योंकि एसआइसी ने नियमित जांच शुरू करा दी है। इसके अलावा आए दिन अल्ट्रासाउंड न होने की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए एक नई मशीन की व्यवस्था कर दी गई है। वहीं हर्बल पार्क को फिर से से हरा-भरा करने के लिए साफ-सफाई के बाद पौधारोपण की तैयारी शुरू कर दी गई है।
अस्पताल की दुर्व्यवस्था पर दैनिक जागरण के 27 दिसंबर के अंक में पृष्ठ संख्या चार पर 'फटे गद्दे और टूटे बेड पर होता है इलाज' शीर्षक से खबर प्रकाशित किया गया था। उसके बाद प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने इसका संज्ञान लेते हुए व्यवस्था में सुधार का प्रयास शुरू करा दिया था। जगह-जगह जाम नालियों की सफाई के लिए नगर पालिका प्रशासन को अवगत कराया है।
इससे पहले ओपीडी हो या वार्ड के आगे-पीछे नालियां, हर तरफ नालियां जाम और गंदगी का अंबार दिखता था।नालियों की समुचित सफाई नहीं होती थी और न ही कभी मच्छरों से बचाव के लिए दवा का छिड़काव होता था। वर्जन :::::
-मेरे संज्ञान में जब समस्याएं आईं तो उसी दिन से अपने स्तर से सुधार का प्रयास शुरू कर दिया था। अब काफी सुधार हो गया है। जो कुछ समस्याएं शेष होंगी उसे भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। मरीजों को सारी सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता में है।
-डा. अनूप कुमार सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल।