फर्जीवाड़ा में फंसे मंडलायुक्त कार्यालय के तीन कर्मी
आजमगढ़ मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एक ग्राम प्रधान के खिलाफ की गई शिकायत की जांच को कूटरचित ढंग से स्थानांतरित कराए जाने पर अपने ही कार्यालय के दो कर्मचारियों को दोषी पाया और निलंबित कर दिया। एक अन्य कर्मचारी को संलिप्त पाए जाने पर विशेष प्रतिकूल प्रविष्ट दी है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एक ग्राम प्रधान के खिलाफ की गई शिकायत की जांच को कूटरचित ढंग से स्थानांतरित कराए जाने पर अपने ही कार्यालय के दो कर्मचारियों को दोषी पाया और निलंबित कर दिया। एक अन्य कर्मचारी को संलिप्त पाए जाने पर विशेष प्रतिकूल प्रविष्ट दी है।
विकास खंड जहानागंज के ग्राम कोईलारी की ग्राम प्रधान के खिलाफ कतिपय लोगों द्वारा शिकायत की गई थी। मंडलायुक्त के निर्देश पर प्रकरण की जांच टीएसी (प्राविधिक परीक्षक, ग्राम्य विकास विभाग) द्वारा की जा रही थी। जांच स्थानांतरित किए जाने के लिए ग्राम प्रधान द्वारा 29 जून को प्रार्थना पत्र दिया गया। इस पर अपर आयुक्त (प्रशासन) न्यायालय के पेशकार रामअवध राम ने शिकायत लिपिक विक्रमादित्य पाटिल को मिला कर कूटरचित ढंग से जांच मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़ के यहां स्थानांतरित किए जाने विषयक पत्र तैयार कर अपर आयुक्त (न्यायिक) को अंधेरे में रखा और उस पर हस्ताक्षर करा लिया। मंडलायुक्त के निर्देश पर इस प्रकरण की प्रारंभिक जांच अपर आयुक्त (न्यायिक) से कराई गई। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि ग्राम प्रधान कोइलारी के जांच स्थानांतरण संबंधी प्रार्थना पत्र पर रामअवध राम पेशकार ने कार्यालय के आरआरके विजय प्रकाश सिंह से मिलकर अपर आयुक्त (न्यायिक) को इंडोर्स कराया। उसके बाद प्रार्थना पत्र आरआरके से यह कह कर ले लिया कि अपर आयुक्त (न्यायिक) द्वारा पत्र की मांग की जा रही है। उसके बाद पेशकार प्रधान के खिलाफ चल रही जांच को मुख्य विकास अधिकारी के यहां स्थानांतरित किए जाने विषयक पत्र तैयार कर हस्ताक्षर के लिए शिकायत लिपिक पाटिल को दे दिया और शिकायत लिपिक द्वारा तथ्यों को छिपा कर उस पर अपर आयुक्त (न्यायिक) से हस्ताक्षर कराया गया।
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विभागीय कार्रवाई को उप श्रमायुक्त को निर्देश
निलंबित शिकायत लिपिक विक्रमादित्य पाटिल मूल रूप से उप श्रमायुक्त कार्यालय के कर्मचारी हैं। विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए उप श्रमायुक्त को निर्देश दिया। जबकि मामले में आरआरके विजय प्रकाश सिंह की संलिप्तता पाये जाने पर उन्हें विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।