ओमिक्रोन जांच को भेजे गए सैंपल की नहीं आई रिपोर्ट
- मेडिकल कालेज -अभी तक जिले में किसी ओमिक्रोन पीड़ित की पुष्टि नहीं -मेडिकल कालेज से आ
- मेडिकल कालेज
-अभी तक जिले में किसी ओमिक्रोन पीड़ित की पुष्टि नहीं
-मेडिकल कालेज से आज फिर केजीएमयू भेजे जाएंगे सैंपल
जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ़): कोरोना की तीसरी लहर में राजकीय मेडिकल कालेज व सुपर फैसिलिटी अस्पताल में 31 दिसंबर से संक्रमित मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला शुरू हुआ है।यद्यपि कोई भी संक्रमित मरीज ओमिक्रोन वैरिएंट से पीड़ित नहीं निकला।मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग से बीते 31 दिसंबर को ओमिक्रोन की जांच के लिए दो सैंपल केजीएमयू लखनऊ भेजा गया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई।बुधवार को फिर 20 से 25 सैंपल भेजने का लक्ष्य बनाया गया है।
कारण कि सभी सैंपल के सिटी वैल्यू की जांच फिर होगी। जितना सैंपल मानक के अनुरूप होगा उतना भेजा जाएगा। दूसरी तरफ रिपोर्ट आने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। जांच के बाबत माइक्रोबायोलाजी विभाग के लैब इंचार्ज डा. आतोष त्रिपाठी ने बताया कि पहली बार 31 दिसंबर को दो सैंपल ही जांच के लिए भेजी गई थी। अब सैंपल भेजने से पूर्व केजीएमयू से अनुमति लेनी पड़ती है ।इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अब केजीएमयू से प्राप्त निर्देश के क्रम में सैंपल को बल्क (मेंड) में भेजना है।इसी के मद्देनजर मानक के अनुरूप वाले सभी सैंपल को एक साथ बुधवार को भेजा जा रहा है।
-----------------
कब होती है ओमिक्रोन की जांच राजकीय मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के लैब इंचार्ज डा. आतोष त्रिपाठी ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के क्रम में पाजिटिव मरीजों के वे ही सैंपल ओमिक्रोन की जांच के लिए भेजे जाते हैं जिनकी सिटी वैल्यू (साइकल थ्रस होल्ड मूल्य) 25 से कम होती है।25 से अधिक सिटी वैल्यू वाले सैंपल के वैरिएंट का पता नहीं लग पाता है। जांच रिपोर्ट जिला मुख्यालय पर आती है। वहीं सीएमओ डा. इंद्र नारायण तिवारी ने बताया कि ऐसा नहीं है जहां से सैंपल भेजा जाता है वहीं पर रिपोर्ट भी आती है। वैसे हम पता करेंगे कि क्या व्यवस्था है।