तमसा का तट लोगों ने करा लिया अपने नाम
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : एक तरफ केंद्र व प्रदेश की सरकार गंगा सहित अन्य नदियों के पुनरोद्धार की योज
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : एक तरफ केंद्र व प्रदेश की सरकार गंगा सहित अन्य नदियों के पुनरोद्धार की योजना को अमली जामा पहना रही है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री भी नदियों के संरक्षण के लिए मुहिम चला रहे हैं। जिले की जीवनदायिनी कही जाने वाली तमसा नदी के पुनरोद्धार के लिए जिलाधिकारी स्वयं उतर गए हैं। उनकी पहल पर पिछले 21 दिनों तक महासफाई अभियान चला। लोगों ने स्वच्छ व निर्मल तमसा के संकल्प के साथ श्रमदान कर सफाई की। लेकिन यह जानकर ताज्जुब होगा कि उसी तमसा की जमीन को कतिपय लोगों ने अपने नाम करा लिया है। अब जिला प्रशासन रिकार्ड निकलवाकर कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है। बहरहाल, अभी ऐसा प्रकरण एक स्थान पर प्रकाश में आया है।
सफाई अभियान के दौरान तमसा नदी के प्रतिबंधित हरितपट्टी के साथ सिमटे दायरे पर भी जिला प्रशासन की पैनी नजर रही। क्योंकि पूर्व में जितना क्षेत्रफल तमसा का रहा, उसे कम प्रतीत हो रहा था। जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी के निर्देश पर प्रथम चरण में उप जिलाधिकारी सदर प्रकाशचंद्र ने सोमवार को सिधारी पुल के समीप एकलव्य घाट पर तमसा नदी के दायरे का निरीक्षण किया। प्रथम ²ष्टया प्रतीत हुआ कि नदी की जमीन पर किसी ने किसी तरह कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। इस पर जब एकलव्य घाट के समीप तमसा नदी किनारे की जमीन की पत्रावलियों का अवलोकन किया गया तो, उसे देख अचंभित हो गए। लगभग 15 नंबर (गाटा) ऐसे मिले, जिसमें तमसा नदी की जमीन दूसरों के नाम दर्ज है। अब तहसील प्रशासन संबंधित गाटों के मूल अभिलेख रिकार्ड रूम से निकलवा रहा है कि आखिरकार कैसे और किसके आदेश से तमसा नदी की जमीन दूसरे के नाम कर दी गई। बहरहाल, जिला प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच हुई तो कई की गर्दन पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है। ''तमसा नदी के क्षेत्रफल को देख प्रथम ²ष्टया प्रतीत हो रहा था कि किसी न किसी द्वारा जमीन को अपने नाम करा लिया गया है। पड़ताल में ऐसे 15 गाटे सामने आए हैं जिसके मूल अभिलेख रिकार्ड रूम से निकाले जाएंगे। जांच के बाद जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
-प्रकाशचंद्र, उप जिलाधिकारी, सदर।