सर्द हवा पर भारी दिखी आस्था
-गुरु नानक दरबार बिट्ठलघाट में सैकड़ों ने झुकाए शीश -गुरु गोविद सिंह के प्रकाशोत्सव पर स
-गुरु नानक दरबार बिट्ठलघाट में सैकड़ों ने झुकाए शीश
-गुरु गोविद सिंह के प्रकाशोत्सव पर सबद-कीर्तन के बाद अरदास
-कड़ाह प्रसाद के वितरण के बाद लंगर में दिखी सामाजिक एकता जागरण संवाददाता, आजमगढ़: सर्द हवाओं के बावजूद सिख परिवारों में रविवार की सुबह से ही आस्था की गर्मी दिखी। उत्साह का आलम यह कि स्नान आदि के बाद सुंदर वस्त्र धारण कर हर कदम चल पड़े थे गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार की ओर। शहर के अनंतपुरा मोहल्ले के बिट्ठलघाट स्थित गुरु दरबार में लोगों ने हाजिरी लगाने के बाद प्रसाद ग्रहण किया। मौका था दसवें और अंतिम गुरु गोविद सिंह के 355वें प्रकाशोत्सव का।
गुरुद्वारे में सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलिसला शुरू हो गया था। यहां पहुंचने वाले किसी भी धर्म से जुड़े हों, सबसे पहले सिर ढककर गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष शीश झुकाया। जिसके पास सिर ढकने के लिए साफ रुमाल नहीं थे उसे गुरुद्वारा की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा था। प्रकाशोत्सव पर सुबह सहज पाठ समाप्ति के बाद तीन बजे तक कीर्तन दरबार सजा।एक के बाद एक कीर्तन सुनकर लोग निहाल हो उठे। ज्ञानी सुनील सिंह के साथ सभी ने अरदास किया।उसके बाद कड़ाह प्रसाद का वितरण किया गया और लंगर शुरू हुआ जिसमें अन्य धर्मों के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।सिख परिवार से जुड़े लोगों ने अपनों को गुरुद्वारे में लंगर के लिए आमंत्रित भी किया था।
इस अवसर पर संगम अरोड़ा, परमजीत सिंह, गगनदीप सिंह रिकू, तरनजीत सिंह, सतनाम सिंह, करतार सिंह, श्याम सुंदर अरोड़ा, सुरेंद्र सिंह, गुरप्रीत सिंह, राजू सिंह, हरविदर सिंह, अमनदीप सिंह, कैलाश सिंह, रंजीत सिंह, राजेश अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।