महंगाई पर सरकार का नहीं रहा कोई नियंत्रण
-हुए मुखर -मांगे पूरी न होने पर किसानों की घर वापसी नहीं महंगाई रोको भ्रष्टाचार प
-हुए मुखर :::
-मांगे पूरी न होने पर किसानों की घर वापसी नहीं, महंगाई रोको भ्रष्टाचार पर वार करो का लगाया नारा
-न्यूनतम समर्थन मूल्य व कानूनी खरीद की दी जाए गारंटी
-उत्तर प्रदेश किसान सभा ने डीएम को सौंपा सात्र सूत्रीय ज्ञापन
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: सात सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष इम्तेयाज बेग के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा गया। मांगे पूरी न होने पर किसानों की घर वापसी नहीं, महंगाई रोको भ्रष्टाचार पर वार करो जैसे नारों से कलेक्ट्रेट परिसर गूंज उठा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहाकि ईंधन के दामों में 25 रुपये की बढ़ोत्तरी कर दस रुपये की कम देने की नीति से स्पष्ट है कि केंद्र व प्रदेश सरकार आमजनता नहीं बल्कि पूंजीपतियों की दिल-दिमाग से सोचने वाली सरकार है। मंहगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। जिलाध्यक्ष कमला राय ने बताया कि एमएसपी की-3 प्लस-2 के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कानूनी खरीद की गारंटी दी जाए, किसानों का उत्पीड़न रोका जाए व किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए, किसान आंदोलन के दौरान मृत किसानों के स्वजन को समुचित मुआवजा दिया जाए व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। जिला उपाध्यक्ष गुलाब मौर्या ने कहाकि खीरी लखीमपुर की घटना के सूत्रधार मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दोषी पुत्र के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिले के सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारिता के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए, किसानों की आवश्यतानुसार खाद बीज उपलब्ध कराया जाए, 2020 बिजली बिल वापस लिया जाए, जंगली जानवरों व बेसहारा पशुओं से किसानों की फसलों को बचाए जाने की व्यवस्था की जाए। प्रदर्शन में रामचंद्र यादव, रामनेत, शहनवाज बेग, जानकी मौर्या, विजय बहादुर यादव, रामाज्ञा यादव, सुरेंद्र राम, विनीत चौहान, जीयालाल, रामलगन, सहदेव, विश्राम चौहान, रामलखन राजभर थे।