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66 करोड़ गन्ना का भुगतान शेष, शासन को भेजा प्रस्ताव

-अन्नदाता परेशान -समय से भुगतान नहीं होने से खेती से किसानों का मोह भंग दो साल में 2471

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 06:33 PM (IST)
66 करोड़ गन्ना का भुगतान शेष, शासन को भेजा प्रस्ताव
66 करोड़ गन्ना का भुगतान शेष, शासन को भेजा प्रस्ताव

-अन्नदाता परेशान :::

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-समय से भुगतान नहीं होने से खेती से किसानों का मोह भंग, दो साल में 2,471 हेक्टेयर क्षेत्रफल घटा

-सत्र 2020-21 में 13,226 हेक्टेयर में हुई थी खेती

-28 क्रेंद्रों से 23 लाख क्विंटल खरीदा गया था गन्ना

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: गन्ना मूल्य के भुगतान में देरी से किसानों का गन्ने की खेती से मोह भंग होता जा रहा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार पिछले दो साल में 2,471 हेक्टेयर गन्ने का क्षेत्रफल घट गया है। जबकि सत्र 2020-21 का अभी 66 करोड़, 55 लाख रुपये का भुगतान शेष है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया गया है।

सत्र 2020-21 में 13 हजार 226 हेक्टयर में गन्ने की खेती हुई थी। चीनी मिल चालू होने का समय हुआ तो जिले के 28 क्रय केद्रों पर खरीद गए 3420 किसानों का लगभग 23 लाख क्विंटल गन्ना चीनी मिल सठियांव में पेराई के लिए भेजा गया। इस सत्र का गन्ना मूल्य भगतान अभी तक 18 फीसद सात करोड़, 66 लाख रुपये हुआ है। जबकि लगभग 66 करोड़, 55 लाख रुपये भुगतान शेष है। अभी मार्च तक सत्र 2019-20 का 28 हजार, 660 किसानों का लगभग 141 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। जिसमें वित्तीय वर्ष से पहले 45 करोड़ रुपये भुगतान का 100 फीसद का लक्ष्य पूरा किया गया। जिले में गन्ने की खेती के क्षेत्रफल की स्थिति देखें तो 2019-20 में 18 हजार 608 हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई थी। जबकि यह रकबा 2020-21 में घटकर 13 हजार, 226 हेक्टेयर पर पहुंच गया।

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चीनी मिल ने 2021 में उत्पादित चीनी को उत्तर प्रदेश सहकारिता विभाग में बंधक रखा और विभिन्न स्त्रोतों से हुई आय से 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। शेष भुगतान शासन की पहल पर हो सकता है। जिसके लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कमिश्नर व डीएम भी इसके लिए प्रयासरत हैं।

-अशर्फी लाल, जिला गन्ना अधिकारी।


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