जनता की मेहनत को प्रशासन ने बताया खतरा, पुल सील
बांस-बल्लियों से बना अस्थाई पुल को प्रशासन ने कराया सील
जागरण संवाददाता, महराजगंज (आजमगढ़) : देवारा क्षेत्र में शनिवार को जब प्रशासन ने जनता द्वारा तैयार पुल को खतरनाक बताने के साथ सील कर दिया। देवारावासियों ने बीते सोमवार को बांस-बल्लियों की मदद से अस्थाई पुल बनाकर आवागमन शुरू कर दिया था। प्रशासन को यह नागवार लगा और उसने आवागमन को खतरा बताते हुए शनिवार को पुल को सील कराकर प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि ग्रामीणों के आवागमन के लिए तीन छोटी नाव की व्यवस्था करने के लिए क्षेत्रीय लेखपाल को निर्देशित किया। उधर ग्रामीणों ने पुल को सील करने का विरोध किया।
ग्रामीणों का कहना है कि चिकनहवा ढाला पर सोमवार व गुरुवार को अस्थाई बाजार लगती है। बाजार में तीन ग्राम पंचायतों की लगभग बीस हजार आबादी के लोगों का बंधे पर आवागमन होता है। इसके लिए छोटी नाव नाकाफी है। अक्सर ज्यादा लोगों के नाव पर सवार होने के चलते डूब जाया करती है, लेकिन प्रशासन को उसमें खतरा नजर नहीं आ रहा है। हम लोगों ने अपने संसाधन से पुल का निर्माण किया तो प्रशासन ने अपनी कमियां छिपाने के लिए स्कूल को भी बंद करा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि छोटी नाव पर अधिकतम छह से आठ लोग व बड़ी नाव पर 10 से 12 लोग ही एक बार में आ-जा सकते हैं तथा पानी कम होने की दशा में नाव नहीं चल पाती है।
सरकारी सुविधा पर गौर करें तो महुला-गढ़वल बांध के चिकनहवा ढाला के पास 14 वर्ष पूर्व प्रारंभ किए गए पुल निर्माण पूरा नहीं किया गया। ग्रामीण बार-बार अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाकर थक गए, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज जब ग्रामीणों ने पुल का निर्माण किया तो प्रशासन को खतरा लग रहा है। उधर दोपहर करीब दो बजे मौके पर पहुंचे एसडीएम अरविद कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी सिद्धार्थ तोमर व थानाध्यक्ष नंद कुमार तिवारी ने देवारा विकास सेवा समिति के लोगों को बुलाकर पुल पर आवागमन न करने की हिदायत दी। साथ ही क्षेत्रीय लेखपाल विपिन सिंह को बाढ़ तक के लिए तीन नाव का प्रबंध करने का निर्देश दिया। इसमें रवि यादव, दिलवर यादव, प्रकाश निषाद, दिनकर निषाद, कमलेश, रामभक्त सैलानी, मोहित मौर्य आदि थे। बाढ़ के मद्देनजर पुल की गुणवत्ता के संबंध में एसडीएम सगड़ी के पत्र के परिप्रेक्ष्य में एडीएम वित्त एवं राजस्व के निर्देशानुसार विभागीय सहायक अभियंता अखिलेश कुमार व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अभियंता द्वारा शुक्रवार को स्थलीय निरीक्षण किया गया था। इसके सापेक्ष रिपोर्ट प्रशासन को प्रेषित कर दी गई। निर्माण में किसी प्रकार का तकनीकी दृष्टिकोण नहीं अपनाया गया, जिसके चलते इस पर आवागमन खतरनाक हो सकता है।
-आरके सोनवानी, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग।