जनाब! यह शहर की सड़कें हैं, जरा संभल के.
जागरण संवाददाता आजमगढ़ जनाब! गौर से देख लीजिए यह सड़क की कुछ प्रमुख सड़कें हैं। यदि
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: जनाब! गौर से देख लीजिए, यह सड़क की कुछ प्रमुख सड़कें हैं। यदि आप को अचानक इस मार्ग से आना-जाना हो तो जरा संभल कर चलिएगा। यदि इसमें जरा सी चूक हुई तो 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी' का स्लोगन चरितार्थ हो सकता है।
शहर के बदरका मोहल्ले की सड़क कब बनी और कब उसकी गिट्टियां बिखर गईं किसी को पता नहीं चला। इस पर चलना खतरे से खाली नहीं है। अब एक नजर, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक कार्यालय से होते हुए विकास भवन के रास्ते पर भी एक नजर डाल लें। कुंवर सिंह उद्यान के सामने एक पटरी पर काफी दिनों से पेयजल की भूमिगत पाइप लाइन फट गई है। प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही और लाखो रुपये की लागत से बनी सड़क का कोलतार कब का छोड़ दिया है। ठीक दूसरी पटरी पर लगभग माह पूर्व भूमिगत पाइप लाइन टूटी थी। जागरण में प्रकाशित खबर को नगर पालिका प्रशासन ने संज्ञान लिया तो पानी की बर्बादी तो बंद हो गई लेकिन मरम्मत के लिए खोदा गया गड्ढा हादसे को दावत दे रहा है। कुछ ऐसा ही हाल है कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद गांधी तिराहे के समीप सड़क का। खास बात यह है कि इस मार्ग से प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियों का लगभग प्रतिदिन आना-जाना होता है। यह अलग बात है कि लग्जरी गाड़ी के कारण साहब को झटका नहीं लगता होगा।