फार्म पर हस्ताक्षर कीजिए और होम आइसोलेट हो जाइए
फार्म पर दस्तखत कीजिए और होम आइसोलेट हो जाइए
जागरण संवाददाता, निजामाबाद (आजमगढ़) : कोरोना जांच की व्यवस्था ने स्थानीय इलाकों में पहुंचकर बहुतों को राहत प्रदान की है, लेकिन उसके बाद होम आइसोलेशन के पैमाने ने सवाल खड़ा करना भी शुरू कर दिया है। रैपिड टेस्ट के बाद मरीजों को एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराकर, कुछ दवाएं अपने पास और कुछ बाहर से लेने की हिदायत देकर होम आइसोलेशन के निर्देश के साथ छोड़ दिया जा रहा है।
नगर के मोहल्ला तिग्गीपुर के एक व्यक्ति के परिवार में पांच लोगों के संक्रमित होने के बाद उन्हें होम आइसोलेट किया गया, उसमें एक का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। मात्र 250 स्क्वायर फीट के दायरे में सात पॉजिटिव कैसे रहेंगे, इसके बारे में किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसी तरह फरहाबाद में एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेट किया गया, जबकि उसका स्वास्थ्य इतना खराब था कि किसी तरह जांच के लिए उठ सका था। रैपिड जांच करने वाली टीम के पास न तो पल्स ऑक्सीमीटर था और न ही इंफ्रा रेड थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर। होम आइसोलेशन भी मरीज की इच्छा पर नहीं, बल्कि चिकित्सक की ओर से दिया जा रहा है। एक पॉजिटिव के परिवार के मुखिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जब जनपद में इतने कम मरीजों पर ही ऐसा कर रहा है तो महामारी के बढ़ने पर भगवान ही मालिक है।
निजामाबाद में रैपिड टेस्ट कर रहे डा. विनोद यादव ने बताया कि हम लोग रानी की सराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्र में पड़ने वाली जगहों पर अपनी टीम के साथ रैपिड टेस्ट करते हैं। पॉजिटिव आने वाले मरीजों को अब तक की गाइडलाइन के अनुसार होम आइसोलेशन पर रखा जा रहा है। आने वाले समय में जैसी गाइडलाइन आएगी उस हिसाब से काम किया जाएगा।