जय श्रीराम के जयकारे से गूंजा सरायमीर
-श्रीराम-जानकी मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा से पहले निकाली गई कलश यात्रा -सुरक्षा के
-श्रीराम-जानकी मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा से पहले निकाली गई कलश यात्रा
-सुरक्षा के लिए सीसीटीवी के साथ ड्रोन कैमरे से भी निगरानी
-भीड़ के बीच सादे लिबास में लगाए गए थे पुलिस के दर्जन भर जवान जागरण संवाददाता, सरायमीर (आजमगढ़): सरायमीर कस्बा गुरुवार को हर-हर महादेव और जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। भीड़ ऐसी कि लगा पूरा इलाका ही सड़क पर आ गया हो। मौका था श्रीराम-जानकी मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा से पूव निकाली गई कलश यात्रा का।
श्री ठाकुरद्वारा श्रीराम-जानकी मंदिर समिति के तत्वावधान में कलश यात्रा लखनऊ-बलिया मुख्य मार्ग स्थित कस्बे के शिव मंदिर से निकाली गई, जो मवेशी खाना, महाजनी टोला, चौक, सब्जी मंडी का भ्रमण करते हुए मंदिर पहुंची।शोभायात्रा में राम-जानकी मंदिर का माडल आगे तो उसके पीछे श्रद्धालु सिर पर कलश लिए हुए चल रहे थे। नगर भ्रमण के दौरान सुरक्षा की ²ष्टि से इंस्पेक्टर अनिल सिंह के नेतृत्व में एसएसआइ शमशेर यादव, आशुतोष मिश्रा, राम कृष्ण, श्याम सिंह आदि तो चल ही रहे थे। इसके अलावा जगह-जगह सीसी टीवी कैमरे लगाए गए थे। आयोजन समिति के अशोक जायसवाल, राहुल प्रजापति, कमलेश विश्वकर्मा, सचिन गुप्ता, विवेक जायसवाल, पुजारी सुरेंद्र नाथ पांडेय आदि शामिल रहे। पांच थानों की फोर्स के साथ सादे लिबास में सिपाही
संजरपुर : कलश यात्रा की निगरानी के लिए सरायमीर सहित पांच थानों की फोर्स लगाई गई थी। सरायमीर एरिया को अति संवेदनशील माना गया है।इसे ध्यान में रखते हुए सादे लिबास में भी 10 पुलिसकर्मी लगाए गए थे।वहीं सीसी टीवी कैमरे से निगरानी का काम पुलिस ने भोर से ही कर दिया था। खुफिया विभाग भी पूरी तरह से मुस्तैद रहा। खुफिया विभाग के लोग बुधवार शाम से ही सरायमीर में कैंप किए हुए थे। उपमुख्यमंत्री के नहीं आने से मायूस हुए कार्यकर्ता
संजरपुर : मंदिर कमेटी व क्षेत्रीय भाजपा कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि कलश यात्रा में शामिल होने सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी आएंगे। मंदिर कमेटी की तरफ से उन्हें निमंत्रण भी दिया गया था। उन्होंने आने के लिए आश्वासन भी दिया था, लेकिन नहीं आए। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि रामप्रकाश यादव, भाजपा के मंडल अध्यक्ष अनुपम पांडेय, संदीप अस्थाना ने निमंत्रण पत्र जाकर दिया गया था।