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शौचालय निर्माण में 18.36 लाख रुपये का गबन

आजमगढ़ विकास खंड पल्हना की ग्राम पंचायत सराय खुरसों में वर्ष 2014-15 में शौचालय निर्माण में अनियमितता बरती गई है। बीडीओ के पूर्व की जांच टीम ने आख्या में 195 के सापेक्ष 94 नहीं बने हैं। 59 व 94 सहित कुल 153 शौचालय अपात्रों को शौचालय दिया गया या फिर बने ही नहीं हैं। पुराने पर बना दिखाया गया है। इस प्रकार 12 हजार रुपये प्रति शौचालय के हिसाब से कुल 1

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 06:40 PM (IST)
शौचालय निर्माण में 18.36 लाख रुपये का गबन
शौचालय निर्माण में 18.36 लाख रुपये का गबन

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : विकास खंड पल्हना के ग्राम पंचायत सराय खुरसों में वर्ष 2014-15 में आवंटित शौचालय निर्माण में अनियमितता का मामला सामने आया है। बीडीओ की जांच में पता चला कि 195 के सापेक्ष 94 नहीं बने हैं। 59 व 94 सहित कुल 153 शौचालय अपात्रों को दिया गया या फिर बना ही नहीं है। इस प्रकार 12 हजार रुपये प्रति शौचालय के हिसाब से कुल 18 लाख, 36 हजार रुपये का गबन ग्राम प्रधान व संबंधित सचिव द्वारा किया गया है। डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह ने इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्व प्रधान फूलचंद दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। निर्देशित किया है कि 15 दिन के अंदर सुसंगत साक्ष्यों के साथ स्पष्टीकारण डीपीआरओ कार्यालय में प्रस्तुत करें। निर्धारित अवधि में संतोषजनक जवाब न मिलने पर भू-राजस्व की भांति गबन की गई धनराशि की वसूली की कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी।

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सराय खुरसों की नंदिनी मिश्रा ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर शौचालयों के निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया था जिसकी जांच खंड विकास अधिकारी से कराई गई। जांच आख्या में बताया कि अनिल पुत्र गोरख मिश्र के संयुक्त परिवार में भाई दारोगा हैं जबकि रामसनेही पुत्र सीताराम सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। प्रमोद कुमार पुत्र त्रिवेणी की मां पेंशनर हैं। अजीत कुमार पुत्र त्रिवेणी लेखपाल हैं। मटरू पुत्र रामसूरत दुबे शिक्षक से रिटायर व पेंशनर हैं। लालसा पुत्र भिखारी डिप्टी एसपी पद से सेवानिवृत्त हैं। साहब पुत्र लालसा को धनराशि मिली ही नहीं। हरिनाथ पुत्र सभाजीत एसडीओ टेलीफोन, हरिहर पुत्र सभाजीत स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हैं। सत्येंद्र पुत्र जयमूरत लेखपाल हैं। त्रिभुवन पुत्र रामसूरत के पास पक्का मकान है और वे एडेड विद्यालय के प्रबंधक हैं। इस प्रकार अन्य साधन संपन्न लोगों को भी शौचालय का लाभ दिया गया है।


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