अतिक्रमण की गिरफ्त में निजामाबाद की सड़कें
जागरण संवाददाता निजामाबाद (आजमगढ़) नगर में प्रवेश करने वाली सभी मुख्य सड़कें अतिक्रमण
जागरण संवाददाता, निजामाबाद
(आजमगढ़) : नगर में प्रवेश करने वाली सभी मुख्य सड़कें अतिक्रमण की गिरफ्त में हैं। पूरी बाजार ही सड़क पर लगती है। हालात यह है कि घूरीपुर तिराहे से कोई व्यक्ति सद्गुरु की चक्की की तरफ से होकर देवकी सेठ चौराहे पर जाना चाहे तो उसे पैदल ही जाना पड़ेगा।
पूरे नगर में प्रवेश का मात्र एक रास्ता ग्रामीण बैंक होकर आने को रह जाता है। बैंक के सामने फरहाबाद चौराहे से भी जाने का रास्ता पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों की भेंट चढ़ चुका है। फरहाबाद चौराहे से मोहल्ले में जाने के लिए आगे बढ़ते ही शराब व मीट-मछली की दुकान होने से खरीदारों की गाड़ियां खड़ी रहती हैं। दुकानदार और खरीदार से कोई उलझना नहीं चाहता। कई बार तहसील प्रशासन व पुलिस के लोग अतिक्रमणकारियों को सड़कों से हटा चुके हैं लेकिन फिर वही स्थिति बन जाती है। अतिक्रमण का असर स्थाई दुकानदारों पर भी पड़ रहा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले खरीदार कस्बे में प्रवेश ही नहीं करना चाहते। व्यापारी जयप्रकाश गुप्ता, हनुमान चौरसिया, मुन्ना साहू, रमेश बरनवाल, श्यामसुन्दर गुप्ता, पारस गुप्ता आदि ने बताया कि पहले ग्राहकों की भीड़ से दुकान हमेशा गुलजार रहती थी लेकिन आज अतिक्रमण की वजह से लोगों ने बाजार के अंदर आना-जाना बंद कर दिया है।
चक्रपानपुर-दौलताबाद मार्ग पर बह रहा गंदा पानी
जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ़) : जहां लगी है महापंडित राहुल सांकृत्यायन की प्रतिमा उस चौराहे से 50 मीटर पूरब चक्रपानपुर-दौलताबाद मार्ग पर सड़क किनारे खुली नाली बीमारी के साथ दुर्घटना को दावत दे रही है। गुजरते समय वाहन का पहिया नाली में चला जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता। सामने से आने वाले वाहन से बचने के चक्कर में दोपहिया सवार तो अक्सर नाली में चले जाते हैं।
यह मार्ग एक तरफ जहां जहानागंज बाजार में निकलता है वहीं दौलताबाद से दूसरा मार्ग चिरैयाकोट तक जाता है। चक्रपानपुर बाजार में मेडिकल कालेज होने के कारण मरीजों एवं उनके तीमारदारों की हर समय भीड़ रहती है। इस मार्ग के अगल-बगल रहने वाले रामनरायन बरनवाल, कामता यादव, हीरा सेठ, राहुल बरनवाल, अखिलेश सोनी, परमेश पांडेय, वीरेंद्र चौरसिया, राजू गुप्ता, बेलाल अहमद का कहना है कि खुली नाली के चलते हर समय बदबू उठती है जिसके चलते खाना-पीना भी मुश्किल हो जाता है।