Move to Jagran APP

आठ लाख राशन कार्ड धारकों को मिलेगा निश्शुल्क खाद्यान्न

-कोरोना काल में -मई व जून में प्रति यूनिट पांच किलो राशन वितरण -आवंटन प्राप्त होने क

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 10:27 PM (IST)
आठ लाख राशन कार्ड धारकों को मिलेगा निश्शुल्क खाद्यान्न
आठ लाख राशन कार्ड धारकों को मिलेगा निश्शुल्क खाद्यान्न

-कोरोना काल में ::::

loksabha election banner

-मई व जून में प्रति यूनिट पांच किलो राशन वितरण

-आवंटन प्राप्त होने के बाद शुरू की जाएगी प्रक्रिया जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कोरोना की दूसरी लहर में भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत जिले के सभी 7,93,626 राशनकार्डधारकों को मई व जून माह में पांच किलो अतिरिक्त प्रति व्यक्ति मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा। जिलापूर्ति विभाग ने खाद्यान्न वितरण की तैयारियों में जुट गया है। खाद्यान्न का आवंटन प्राप्त होने के बाद राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। योजना का लाभ उन्हीं को उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनके राशनकार्ड में एक मार्च 2021 तक यूनिट शामिल होगी।

उचित दर विक्रेताओं के माध्यम पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति माह सस्ते दर पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। केंद्र सरकार की ओर से विगत वर्ष लॉकडाउन के कारण अप्रैल से नवंबर तक प्रत्येक राशन कार्डधारक को योजना के तहत यूनिट पांच किलो की दर से निश्शुल्क खाद्यान्न (तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल) वितरण किया गया था। इस बार कोरोना संकट के कारण कई परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे है। जिस पर केंद्र सरकार की ओर से नियमित खाद्यान्न के साथ परिवारों को निश्शुल्क राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

अभी आदेश आया नहीं है, लेकिन विभाग की ओर से तैयारियां की जा रही है। अभी नियमित राशन का उठान हो रहा है। जिले को खाद्यान्न का आवंटन नहीं किया गया है। आवंटन के बाद कार्य योजना तैयार कर राशन वितरण कराया जाएगा।

--सुनील कुमार पुष्कर, जिलापूर्ति अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.