Move to Jagran APP

गांधी, तिलक, सुभाष की परपंरा के वाहक थे दीनदयाल

आजमगढ़ : पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन शहर के सिविल लाइंस स्थित दीनदयाल चौक पर धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इसके अलावा करतालपुर प्रथमिक विद्यालय में धर्मेंद्र ¨सह के संयोजन में जिलाध्यक्ष जयनाथ ¨सह व कार्यकर्ताओं ने फल का वितरण किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:46 PM (IST)
गांधी, तिलक, सुभाष की परपंरा के वाहक थे दीनदयाल
गांधी, तिलक, सुभाष की परपंरा के वाहक थे दीनदयाल

आजमगढ़ : पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन शहर के सिविल लाइंस स्थित दीनदयाल चौक पर धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। इसके अलावा करतालपुर प्राथमिक विद्यालय में धर्मेंद्र ¨सह के संयोजन में जिलाध्यक्ष जयनाथ ¨सह व कार्यकर्ताओं ने फल का वितरण किया।

loksabha election banner

इस दौरान गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष जयनाथ ¨सह ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय कुशाग्र बुद्धि के धनी, राष्ट्र व समाज के प्रति समर्पित, पत्रकार, लेखक, संस्कृति के उपासक थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारत के सबसे तेजस्वी, तपस्वी एवं यशस्वी ¨चतक थे। उनके ¨चतन के मूल में लोकमंगल और राष्ट्र का कल्याण समाहित हैं। उन्होंने राष्ट्र को धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का सनातन पुंज बताते हुए राजनीति की नई व्याख्या की। वह गांधी, तिलक और सुभाष की परंपरा के वाहक थे। वह दलगत एवं सत्ता की राजनीतिक से ऊपर उठकर वास्तव में एक ऐसे राजनीतिक दर्शन को विकसित करना चाहते थे जो भारत की प्रकृति एवं परंपरा के अनुकूल हो। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्रीकृष्ण पाल ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि किसानों की आत्मनिर्भरता लोकतंत्र की आधारशिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पूर्व चेयरमैन माला द्विवेदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि सबको काम ही भारतीय अर्थनीति का एकमेव मूलाधार है। उनका कहना था कि शिक्षा समाज में भेद निर्माण करने वाली न होकर एकात्मभाव निर्माण करने वाली हो। क्षेत्रीय कार्यसमिति सदस्य प्रेमप्रकाश राय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी कुशाग्र बुद्धि और महाज्ञानी होने के करण पंडितजी कहा जाता है ना कि उनके ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के कारण। वे कहते थे प्रगतिशील तकनीक वही है जो बेकारी मिटाए, विषमता-घटाए तथा प्रदूषण से बचाए। गोष्ठी को सच्चिदानंद ¨सह, डा. श्याम नरायन ¨सह, प्रेमनारायण पांडेय आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अभय दत्त गोंड, पंकज ¨सह कौशिक, पवन ¨सह मुन्ना, हरिवंश मिश्रा, सतेंद्र राय, संजय यादव, सुनील राय, शिवनाथ ¨सह, राकेश ¨सह, संचिता बैनर्जी, सुक्खू राम भारती, विभा बरनवाल, अभिषेक जायसवाल दीनू, राजेश ¨सह महुआरी, तेजप्रताप ¨सह, सूरज श्रीवास्तव, मृगांक शेखर सिन्हा, अलका ¨सह उपस्थित थीं। संचालन जिला महामंत्री हरीश तिवारी ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.