गर्मी में बढ़ी मरीजों की संख्या, दुर्व्यवस्थाओं का अंबार
---हाईलाइटर--- सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर गंभीर है। अस्पतालों में मौजूद दुर्व्यवस्था को खत्
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सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर गंभीर है। अस्पतालों में मौजूद दुर्व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। न अस्पतालों में दवा है और न ही समय से चिकित्सक ही उपस्थित रहते हैं। बढ़ती गर्मी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन सुविधाएं जस की तस पड़ी हुई हैं। अस्पताल परिसर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है, मरीजों एवं तीमारदारों के लिए बनाए गए रसोइयां में ताला बंद रहता है। चिकित्सकों द्वारा अंदर की दवाएं कम और बाहर की ज्यादा लिखी जा रही हैं। उच्चाधिकारी इसके प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं, शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : शहर के बड़ादेव स्थित जिला महिला अस्पताल में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के मरीज आते हैं। सुबह से शाम तक अस्पताल में मरीजों की भीड़ जमा रहती है। पहले तो मरीज के तीमारदारों को वाहन खड़ा करने की बात को लेकर कर्मचारियों से नोक-झोंक का सामना करना पड़ता है। गर्मी में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं अस्पताल के कर्मचारियों के व्यवहार से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बुधवार को दोपहर बाद दैनिक जागरण की टीम जिला महिला अस्पताल पहुंची तो सब कुछ सही मिला। हालांकि ओपीडी खत्म हो जाने के कारण ज्यादातर मरीज अस्पताल से घर निकल चुके थे जबकि जो मरीज भर्ती थे उनसे बातचीत के दौरान पता चला कि अस्पताल में सफाई की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन शौचालय की सफाई कभी नहीं होती। इससे शौचालय में जाने की हिम्मत नहीं लेती। ज्यादातर तीमारदार शौचालय के लिए बाहर जाते हैं। शौचालय की सफाई न होने से हमेशा बदबू उठता रहता है। वहीं खाना बनाने के लिए अस्पताल परिसर में रसोई घर बनाया गया है लेकिन सभी रूम में ताला बंद पड़ा हुआ है। यही नहीं रसोई घर को कर्मचारियों ने स्नान गृह बना लिया है। रसोई घर बंद होने से मरीजों के तीमारदारों को होटल से खाना लाकर खाना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन द्वारा इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
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पीड़ितों की कहानी उन्हीं की जुबानी
फोटो::28-सी।
-एक सप्ताह से बेटी को लेकर अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल में सफाई व्यवस्था, लाइट व दवा की सुविधा बराबर मिल रहा है, रात में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, इससे परेशानी का सामना करना पड़ता है। -सुशीला देवी, मोहम्मदाबाद, मऊ।
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फोटो:::29-सी।
-अस्पताल से दवा मिलता है और सफाई की भी व्यवस्था ठीक है। बेडशीट बराबर बदला जाता है। लेकिन शौचालय की सफाई न होने से परेशानी होती है। शौचालय के लिए हम लोगों को बाहर जाना पड़ता है। -विमला मोहब्बतपुर सठियांव, आजमगढ़।
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फोटो::30सी।
-वार्ड की सफाई दिन में तीन बार किया जाता है, लेकिन शौचालय की सफाई कभी नहीं होती। रसोई घर में ताला बंद रहता है जिससे तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जनरेटर चालू नहीं किया जाता है, बिजली कट जाने के बाद बिजली आने का इंतजार किया जाता है। - गीता पांडेय, गुरुटोला आजमगढ़।