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रजवाहा के बंधों पर लहलहाने लगी अरहर की फसल

-अच्छी खबर- -फूलपुर रजवाहा के माइनरों पर अन्नदाताओं ने की बोआई -खेतों में जलजमाव व नमी

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 05:10 PM (IST)
रजवाहा के बंधों पर लहलहाने लगी अरहर की फसल
रजवाहा के बंधों पर लहलहाने लगी अरहर की फसल

-अच्छी खबर:-

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-फूलपुर रजवाहा के माइनरों पर अन्नदाताओं ने की बोआई

-खेतों में जलजमाव व नमी ने फसल पर लगा दिया ग्रहण जागरण संवाददाता, अंबारी (आजमगढ़): फूलपुर रजवाहा निकलने के बाद क्षेत्र में अरहर की खेती पर ग्रहण लग गया था। अन्नदाता अब रजवाहा और उससे निकलने वाले माइनरों के बंधों पर ही अरहर की बोआई करना शुरू कर दिए हैं। इस साल बंधों पर बोई गई फसल लहलहा रही है। किसानों का मानना है कि अरहर की खेती से बंधे का कटान भी नहीं होगा।

फूलपुर तहसील क्षेत्र में शारदा सहायक खंड-32 फूलपुर रजवाहा खेमीपुर गांव से तहसील क्षेत्र में आता है। इससे खेमीपुर से लेकर अंबारी तक अरहर की खेती पर ग्रहण लग गया। अरहर की दाल के साथ किसानों के सामने झाड़ू का भी संकट आ गया है। किसानों को अरहर की दाल छोड़िए झाड़ू भी बाजार से ही खरीदना पड़ रहा है। क्षेत्र के हथनौरा, अंबारी, आंधीपुर, बसही, गोधना, मैगना, कलान आदि गांवों के अन्नदाताओं ने रजवाहा और इससे निकले माइनरों के बंधों पर अरहर की बोआई कर दी हैं। इस फसल से नहर के बंधे की सुरक्षा भी होगी। वहीं किसानों को थोड़ बहुत दाल भी मिल जाएगा।

फूलपुर तहसील क्षेत्र में शारदा सहायक खंड-32 फूलपुर रजवाहा खेमीपुर गांव से तहसील क्षेत्र में आता है। इससे खेमीपुर से लेकर अंबारी तक अरहर की खेती पर ग्रहण लग गया। अरहर की दाल के साथ किसानों के सामने झाड़ू का भी संकट आ गया है। किसानों को अरहर की दाल छोड़िए झाड़ू भी बाजार से ही खरीदना पड़ रहा है।


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