अब पुष्पनगर गांव के खेतों में जलाई गई पराली
जागरण संवाददाता दीदारगंज (आजमगढ़) कड़े कानून के बाद भी खेतों में पराली जलाने का सिलसिल
जागरण संवाददाता, दीदारगंज (आजमगढ़) : कड़े कानून के बाद भी खेतों में पराली जलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों को एफआइआर, जुर्माना का भी जरा सा भय नहीं है। तहसील मार्टीनगंज अंतर्गत विकास खंड फूलपुर के पुष्प नगर गांव में किसानों ने कंबाइन से धान की कटाई की। ट्रैक्टर से मंड़ाई करने के बाद गुरुवार की भोर में खेत में ही पुआल जला दिया गया। इससे एक तरफ एनजीटी व कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है। दूसरे कोरोना काल में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। खेतों में फसल अवशेष जलाने से उर्वरा शक्ति दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। अवशेष जलाने से वातावरण धुएं से प्रदूषित हो रहा है। सांस लेने में लोगों को दिक्कत हो रही है। पराली जलाने पर अर्थदंड व कारावास
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अंतर्गत खेत में फसल जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है। पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए दंड के प्राविधान में दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये प्रति घटना, दो एकड़ से पांच एकड़ के लिए 5000 रुपये प्रति घटना, पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपये प्रति घटना एवं अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया जाएगा। एसडीएम को सूचित कर लेखपाल से भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। ऐसे लोगो के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा। ऐसा करने वाले किसी भी किसान को छोड़ा नहीं जाएगा।
-डा. उमेश कुमार गुप्ता, जिला कृषि अधिकारी।