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अब किसानों की जिदगी में हरियाली लाएगी बांस

अब किसानों की जिदगी में हरियाली लाएगी बांस

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 07:02 PM (IST)
अब किसानों की जिदगी में हरियाली लाएगी बांस
अब किसानों की जिदगी में हरियाली लाएगी बांस

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : हरा सोना कहा जाने वाला बांस अब किसानों की जिदगी में हरियाली लाने वाला है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं और किसानों को बांस उगाने पर 50 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। वहीं छोटे काश्तकारों को एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। किसानों को बांस के पौधे वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।

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बांस उद्योग को बढ़ावा देने व किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए शासन ने बांस की खेती योजना को हरी झंडी दे दी है। इसमें हजारों बांस लगाए जाएंगे। शासन से वन विभाग को 13 हेक्टयर का लक्ष्य दिया है। नौ हेक्टेयर में वन विभाग सरकारी जमीनों पर बांस लगाएगा। शेष चार हेक्टेयर के लिए किसानों को पौधे दिए जाएंगे। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया होगा। इससे रोजगार के लिए गांवों से शहरों की ओर हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी। किसान गांव में बंजर भूमि पर हरा सोना उगाकर अपना भविष्य संवार सकेंगे। अन्य संबंधित सामग्री के लिए बैंक से लोन दिलाया जाएगा जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत (पचास हजार रुपये) की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी तीन वर्ष में तीन किस्तों में दी जाएगी। पहले साल 60 फीसद, दूसरे साल 30 फीसद व तीसरे साल 20 फीसद अनुदान दिया जाएगा। वहीं, छोटे काश्तकारों को बांस उगाने पर एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत जिले में प्रारंभ की जा रही बांस की खेती को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो गई हैं। जिले के किसानों की सूची तैयार की जा रही है। इसके लिए बकायदा प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। वन विभाग ने इसके लिए एक नंबर जारी कर उसमें नाम-पता व उपलब्ध भूमि की जानकारी मांगी है, ताकि प्राप्त जानकारी के आधार पर बांस की खेती कराई जा सके।

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बांस की खेती के लिए किसानों को सरकार की ओर से पहली बार अनुदान राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त में पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही किसानों को सब्सिडी भी दी जाएगी। इच्छुक किसान विन विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

-अयोध्या प्रसाद, प्रभागीय निदेशक वानिकी, आजमगढ़।


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