अब जरूरतमंदों तक 15 मिनट में पहुंचेंगी एंबुलेंस
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-अच्छी खबर
-सरकारी बेड़े में 20 नई एंबुलेंस शामिल होने से मजबूत हुआ तानाबाना
-अब तक 105 गाड़ियों का रेस्पांस टाइम औसतन रहा था 25 मिनट
- नई व्यवस्था से लोग गोल्डन आवर में पहुंचेंगे अस्पताल जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : खुश होइए ..। जरूरत पड़ने पर आप तक स्वास्थ विभाग की एंबुलेंस 15 मिनट में पहुंचेगी। स्वास्थ महकमे के 105 एंबुलेंस के बेड़े में 20 नई एंबुलेंस के शामिल होने से ऐसा होगा। नई व्यवस्था से लोग गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचेंगे तो उसका सीधा असर घटते मृत्युदर के रूप में सामने आएगा। स्वास्थ प्रशासन ने एंबुलेंस की जरूरतें दर्शाते हुए एक प्रस्ताव भेजा था, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है। सबकुछ ठीक रहा तो इसी माह सुविधाओं का लाभ लोगों को मिलने लगेगा।
125 एंबुलेंस सड़कों पर भरेंगी रफ्तार
सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए नित नए निर्णय ले रही है। उसी क्रम में 20 नई एंबुलेंस देने का निर्णय लिया गया है। इस तरह पहले से 105 एंबुलेंस के बेड़े में 20 गाड़ियों के शामिल होने से व्यवस्थाएं मजबूत होंगी। अभी तक उपलब्ध वाहन और डिमांड के अनुरूप औसतन जरूरतमंदों तक एंबुलेंस 25 मिनट में जा पहुंचती थीं। लेकिन बदली व्यवस्था में रेस्पांस टाइम कम होगा और एंबुलेंस जनपद में शहर से गांव तक एक फोन काल के 15 मिनट बाद पहुंच जाएंगी।
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जानिए जनपद में कितने प्रकार की एंबुलेंस
जनपद में 108, 102 के अलावा अध्याधुनिक सुविधाओं से लैस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) दो एंबुलेंस सेवा में लगी हैं। सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम 108 एंबुलेंस तो गर्भवतियों को अस्पताल लाने व पहुंचाने का जिम्मा 102 एंबुलेस के सिर है। हालांकि, आबादी एवं क्षेत्रफल के लिहाज से विशालकाय जनपद में यह व्यवस्था नाकाफी थी। ऐसे में सरकार ने जरूरतों को देखते हुए 20 नई एंबुलेंस देने का निर्णय लिया है। फिलहाल जिले में 102 सेवा की 52 व 108 सेवा की 51 एंबुलेंस हैं।
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20 एंबुलेंस के लिए होगी चालकों की नियुक्ति
20 नई एंबुलेंस के लिए चालकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में चारो पहर के लिए करीब 40 चालकों की जरूरत होगी। विभाग के पास पहले से मैन पावर की कमी के कारण निजी एंजेंसियों से चालक ठेके पर लिए गए हैं। इससे रोजगार की मुश्किल भी आसान होगी।
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'20 नई एंबुलेंस किसी भी दिन मिल सकती हैं। उसके लिए कागजी कारवाई पूर्ण की जा चुकी है। नई एंबुलेंस मिलते ही रेस्पांस टाइम घटेगा। इसका असर लोगों की जान बचाने, सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं देने में मील का पत्थर साबित होगा। उम्मीद जताई कि औसतन 25 मिनट का रेस्पांस टाइम सिमटकर 15 मिनट पर आ पहुंचेगा।'
अरविद सिंह, एडिशनल सीएमओ/नोडल अधिकारी।