सठियांव को सुरक्षित श्रेणी में लाने को मॉडल डीपीआर
आजमगढ़ जिले का विकास खंड सठियांव 31 मार्च 2013 के आंकड़े के आधार पर अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत किया गया था। उसको सुरक्षित श्रेणी में लाने के लिए भूगर्भ जल विभाग द्वारा तैयार किए गए मॉडल डीपीआर के अनुसार परियोजना तैयार की जाएगी। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला तकनीकी समंवयक समिति की बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: जिले का विकास खंड सठियांव 31 मार्च 2013 के आंकड़े के आधार पर अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत किया गया था। उसको सुरक्षित श्रेणी में लाने के लिए भूगर्भ जल विभाग द्वारा तैयार किए गए मॉडल डीपीआर के अनुसार परियोजना तैयार की जाएगी। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला तकनीकी समन्वयक समिति की बैठक हुई।
जिलाधिकारी ने कृषि विभाग, भूमि संरक्षण, मनरेगा, वन विभाग, लघु सिचाई आदि के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मॉडल डीपीआर के अनुसार माइक्रो लेवल की परियोजना तैयार कर कार्य कराना सुनिश्चित करें जिससे विकास खंड सठियांव अतिदोहित श्रेणी से सुरक्षित श्रेणी में आ सके। निर्देश दिया कि सठियांव ब्लाक के जिन क्षेत्रों में जहां जलजमाव या जलभराव की समस्या है, उन क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या के लिए रीचार्ज पिट और जलभराव की समस्या के लिए मेड़बंदी कराना सुनिश्चित करें। सिचाई विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया कि नहरों के टेल तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता लघु सिचाई डीके सिंह, डीसी मनरेगा बीबी सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार यादव, जिला कृषि अधिकारी डा. उमेश कुमार गुप्ता, इंजीनियर कुलभूषण सिंह, भूमि संरक्षण विभाग के जेई आदि थे।