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माता के दर्शन मात्र से पूरी होती है श्रद्धा

नि•ामाबाद (आजमगढ़) : जनपद मुख्यालय से 15 किमी पश्चिम नि•ामाबाद नगर से सटे हुए भैरोपुर ग्राम

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 03:00 AM (IST)
माता के दर्शन मात्र से पूरी होती है श्रद्धा
माता के दर्शन मात्र से पूरी होती है श्रद्धा

नि•ामाबाद (आजमगढ़) : जनपद मुख्यालय से 15 किमी पश्चिम नि•ामाबाद नगर से सटे हुए भैरोपुर ग्राम सभा में यह मंदिर स्थित है। नवरात्र में मां के दरबार में सुबह एवं रात्रि में प्रतिदिन कीर्तन पूजन एवं आरती होती है। क्षेत्र में मान्यता है कि माता के दर्शन पूजन से मन शांत रहता है। अपने अंदर नई ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही परिवार में सभी सदस्य निरोग रहते है। माता के क्षेत्र में रहने वाला प्रत्येक ¨हदू परिवार चाहे वह जीविकोपार्जन के लिए सुदूर प्रदेशो में अन्यत्र ही क्यों न रहता हो फिर भी घर में किसी की भी शादी या शुभ कार्य की सम्पन्नता के साथ ही साल में एक बार वार्षिक पूजा के लिए मां के दर पर अवश्य आता है।

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मंदिर का महात्म ::::

माता शीतला का स्थान ब्रह्म सत्ता में स्वास्थ्य मंत्री का माना जाता है क्योंकि क्षेत्र में जब भी महामारी चेचक, खसरे का प्रकोप फैलता है तो उससे राहत के लिए माता रानी को धार, फूल चढ़ाया जाता है। बीमार व्यक्ति को शीतलता प्रदान हो उसके बाद मरीज के ठीक होने के बाद माता के स्थान पर सपरिवार पहुंचकर हलुआ पूड़ी की कढ़ाई चढ़ाई जाती है। यही कारण है की इस मंदिर पर नवरात्र के साथ ही वर्ष भर मेला लगता है। मंदिर का निर्माण लगभग 250 से 300 वर्ष पूर्व कराया गया था पहले। यहां पलाश के घने जंगल हुआ करते थे। यहां अपनी अपनी मन्नते पूरी होने पर भक्तों ने धर्मशालाओं का निर्माण कराया। मंदिर की साफ सफाई, पूजा स्थानीय माली समुदाय के लोग करते है।

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विशेषता :::

90 के दशक में कस्बे के व्यवसायी रामा साव के आग्रह पर व्यापर मंडल अध्यक्ष राकेश पाठक, श्रीप्रकाश चौरसिया, पंकज वर्मा, घनश्याम जायसवाल, पंडित जग्गनाथ द्वारा फावड़ा चलाकर श्रमदान की शुरुआत की गई और कभी रुकी नहीं। राकेश पाठक के प्रयास से ही व्यवसाइयों, नगरवासियो द्वारा श्रमदान कर मंदिर का सर्वांगीण विकास किया गया क्योकि इसके पूर्व इस स्थान पर सिर्फ माता रानी का मंदिर था शेष भूमि पर लोगों का अतिक्रमण, गंदगी का साम्राज्य था। यहां श्रमदान द्वारा चहारदीवारी आदि का निर्माण कराया गया।

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मां शीतला धाम मंदिर के भक्त पंकज ने बताया वैसे तो वर्षभर यहां दर्शनार्थियों का आना जाना लगा रहता है। जनपद के साथ ही अन्य जनपदों व सुदूर प्रदेशों में रहने वाले यहां के स्थानीय निवासी साल भर में एक बार इस दरबार पर अवश्य आते हैं और मां को सपरिवार कढ़ाई चढ़ाते हैं। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मुरादें पूरी होती हैं।

फोटो ::24सी::---अशोक : पुजारी मंदिर

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यहां आने वाले श्रद्धालु मां को कढ़ाई चढ़ाते हैं। नवरात्र में सुबह, रात्रि में मां की आरती होती है जिसमें दर्शनार्थियों की काफी भीड़ होती है। इस स्थान से लोगों की आस्था बेशुमार है। कितने ही दर्शनार्थी ऐसे हैं जो प्रतिदिन मां के दर्शन करने के बाद ही अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं।

फोटो ::23::पंकज माली : मां शीता धाम भक्त ।


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