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सहकारी गोदाम में ताला, कर्मचारी नदारद

जासं तहबरपुर (आजमगढ़) सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खाद बीज व फसली ऋण मुहैया कराने के दावे फेल साबित हो रहे हैं। इसकी बानगी तहबरपुर के टीकापुर साधन सहकारी समिति के मेढी स्थित गोदाम में देखने को मिलेगी। जहां अधिकारी व कर्मचारी नदारद हैं जिससे किसानों को खाद बीज एवं कीटनाशक दवाएं नहीं मिल पाती है। इससे किसान इधर-उधर का चक्कर काट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 05:39 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 05:39 PM (IST)
सहकारी गोदाम में ताला, कर्मचारी नदारद
सहकारी गोदाम में ताला, कर्मचारी नदारद

जासं, तहबरपुर (आजमगढ़) : सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खाद, बीज व फसली ऋण मुहैया कराने के दावे फेल साबित हो रहे हैं। इसकी बानगी तहबरपुर के टीकापुर साधन सहकारी समिति के मेढ़ी स्थित गोदाम में देखने को मिलेगी। यहां अधिकारी व कर्मचारी नदारद हैं जिससे किसानों को खाद, बीज एवं कीटनाशक दवाएं नहीं मिल पाती हैं। किसान इधर-उधर का चक्कर काट रहे हैं।

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किसानों को खाद, बीज व फसली ऋण मिलने में किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से वर्ष 1983 में साधन सहकारी समिति टीकापुर के गोदाम का निर्माण मेढ़ी गांव में कराया गया था। समिति में करीब 600 सदस्यों के शेयर भी जमा थे जिसमे सक्रिय सदस्यों की संख्या भी करीब 400 के आसपास रही। समिति के सक्रिय सदस्य खरचलपुर गांव निवासी अभय राय, श्यामनरायन राय, शिवशंकर उपाध्याय, सरदहा निवासी अशोक यादव, पतिराम, राजबली यादव व टीकापुर के अशोक राय सहित अन्य किसानों ने बताया कि अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते समिति घोटाले की शिकार होकर बैठ गई। देखरेख के अभाव में समिति का भवन भी जमींदोज हो गया। इसके बाद वर्ष 2013 में टीकापुर गांव में लाखों रुपये की लागत से नया भवन भी बनकर तैयार हो गया लेकिन विभागीय निष्क्रियता के चलते समिति पर लेनदेन आज तक नहीं हो सका। इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) अतुल सत्संगी ने बताया कि गोदाम तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। साथ ही सचिव के वित्तीय अधिकार की भी समस्या है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। हस्ताक्षर प्रमाणित होने के बाद लेनदेन शुरू हो जाएगा।


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