ए भाई जरा देख के चलो, आगे भी नहीं पीछे भी
सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं के लिए सिर्फ वाहन चालकों को ही जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा। इसके लिए राहगीर व पैदल चलने वाले लोग भी उतने ही जिम्मेदार हैं जितने वाहन चालक। जरा सी सावधानी हटी,दुर्घटना घटी ।
आजमगढ़ : दिनोंदिन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए सिर्फ वाहन चालकों को ही जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा। इसके लिए राहगीर व पैदल चलने वाले लोग भी उतने ही जिम्मेदार हैं। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। जी, हां सड़क पर या पटरियों पर चल रहे हैं तो संभलकर चलें। आपकी जरा-सी असावधानी ही आपकी मौत का कारण बन सकती है।
आजमगढ़ जिला मंडल मुख्यालय की श्रेणी में आता है। वाहन चालकों की बात तो दूर यहां पैदल चलने वालों के लिए भी कोई ट्रैफिक रूल नहीं है। जिले के शहर से लेकर कस्बों के तिराहे व चौराहों पर भी जेब्रा क्रा¨सग व पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ नहीं हैं। पटरियों पर अतिक्रमण के चलते राहगीर सड़कों पर चलने को विवश हैं। वाहन चालकों के लिए तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाकर उन्हें तरह-तरह की हिदायतें दी जाती हैं, पर पैदल चलने वालों के लिए कुछ भी नहीं होता है। दुर्भाग्य है कि जिले में अधिकतर राहगीर या साइकिल रिक्शा से चलने वाले लोग, ट्रैफिक नियमों से वाकिफ नहीं है। इसके चलते सड़क पार करते समय कोई कहीं भी हादसे का शिकार हो जाता है। नियम से चलें, सुरक्षित पहुंचेंगे घर
तेज रफ्तार में वाहन चलाने से सड़क हादसों में निरंतर इजाफा हो रहा है। हर रोज कोई न कोई सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहा है। सर्दी के दिनों में तो हादसे और भी बढ़ जाते हैं। शहर में कोहरे कम होते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में रात व भोर के समय कोहरा छा जाता है। इससे पास की कोई भी वस्तु साफ दिखाई नहीं देती। इसके चलते आगे और पीछे चल रहे वाहनों का अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में दुर्घटना हो जाती है। कई बार तो वाहन पैदल चलने वालों को ही रौंदते हुए निकल जाते हैं। इस तरह के हादसों को रोकने के लिए आवश्यक है कि हम यातायात नियमों के पालन को लेकर सजग रहें। बरतें ये सावधानी
-नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने न दें।
-वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।
-शराब पीकर वाहन न चलाएं।
-बिना लाइसेंस वाहन चलाना दंडनीय अपराध है।
-वाहन चलाते समय गति का विशेष ध्यान रखें, तेज वाहन न चलाएं।
-कोहरे में वाहन चलाते समय लाइट का प्रयोग करें।
-गलत साइड न तो वाहन चलाएं और न ही पैदल चलें।
-सड़क पार करते समय सड़क के दोनों ओर देखें फिर सड़क पार करें।
-दोपहिया वाहन सवार हेलमेट व चार पहिया वाहन सवार सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य करें।
-वाहन चलाने से पहले ब्रेक आदि का अच्छी तरह से परीक्षण कर लें। ''सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में सड़क पर चलना या पार करते समय जरा-सी लापरवाही बरतने पर उनकी ¨जदगी संकट में पड़ सकती है। लिहाजा सड़क पर चलते समय यातायात नियमों का पूरा पालन करें। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस भी जागरूकता अभियान चलाती आ रही है। खासतौर पर स्कूली बच्चों को जागरूक करने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। शिविर में बच्चों के हाथ में दोपहिया वाहन की स्टेय¨रग न देने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अकेले सड़क पार न करने दें। यह खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि सड़क पार करने के लिए आवश्यक मानसिक संयोजन और सटीक निर्णय क्षमता का विकास इस उम्र तक नहीं हो पाता।''
-मोहम्मद तारिक, एसपी यातायात, आजमगढ़ औसतन जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उसमें आधे से अधिक लोग पैदल चलने वाले ही शिकार होते हैं। पैदल चलने वालों को तिराहा व चौराहा पार करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कब, कौन-सा वाहन किस दिशा से आ जाए, पता ही नहीं होता। कई बार हादसे भी हो जाते हैं। शहर में कहीं भी चौराहे व तिराहों पर न तो सिग्नल हैं और न ही ट्रैफिक जवान तैनात रहते हैं। यहां तक कि पैदल चलने वालों के लिए भी कहीं जेब्रा क्रा¨सग व सड़कों के किनारे फुटपाथ भी नहीं बने हुए हैं, जबकि सड़क पार करने में किसी भी व्यक्ति को 30 से 40 सेकेंड लगते हैं।
-डा. ¨वध्य प्रकाश ¨सह, मनोचिकित्सक, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चक्रपानपुर, आजमगढ़ ।