तड़के टहलने के बजाए घरों में व्यायाम करके रहेंगे स्वस्थ : डा. पंकज
जागरण संवाददाता आजमगढ़ सर्दियां शुरू हो गईं हैं। इसके साथ ही हृदयाघात के मामलों में भी
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सर्दियां शुरू हो गईं हैं। इसके साथ ही हृदयाघात के मामलों में भी अचानक से तेजी आई है। शहर में पार्कों, खेल मैदान तो ग्रामीण इलाकों में सड़क किनारे व्यायाम करने, दौड़ लगाने वालों की बढ़ती भीड़ के बावजूद सर्दी का सितम लोगों की समझ से परे हैं। लेकिन शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पंकज राय सर्दियों में टहलने को ही सेहत के लिए खतरनाक मानते हैं। उन्होंने शुगर, ब्लडप्रेशर व श्वांस रोगियों को ज्यादा सतर्क रहने की नसीहत दी। बताया कि इन दिनों घरों में व्यायाम करना ही स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए जरूरी है। उन्होंने बातचीत में हृदयाघात के कारण और निवारण चर्चा करते हुए बुजुर्गों व बच्चों के लिए भी बहुत कुछ बताए, जो कुछ यूं रहा..।
क्यों होता हैं हृदयाघात
सर्दियों के दिनों में नसें सिकुड़ने लगती हैं। ब्लड भी गाढ़ा होने लगता है। ऐसे में खून का संचार हृदय तक पहुंचने में कमजोर पड़ने लगता है। इसी का बिगड़ा स्वरूप हृदयाघात कहा जाता है। सीने में तेज दर्ज होना इसका प्रमुख लक्षण होता है। इलाज में देरी या फिर चूक व्यक्ति की जिदगी पर भारी पड़ जाती है।
सुबह की सतर्कता हृदयाघात से बचाएगी
हृदयाघात की ज्यादा घटनाएं सुबह होती है। इसके पीछे चूक ही अहम वजह होती है। रजाई, कंबल से एक झटके में निकलकर बाहर आने से हमारे शरीर का तापमान बाहर के तापमान से सामंजस्य नहीं बैठा पाता है। ऐसे में कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले महिलाएं, पुरुषों को हार्ट अटैक पड़ जाता है।
तड़के टहलने से करें परहेज
सर्दियों में तड़के टहलने से परहेज करना चाहिए। वायुमंडल में कोहरे के साथ धूल के कण भी तैरते रहते हैं। सांसों के जरिये यही कण मानव शरीर में पहुंच सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। बुजुर्ग एवं वृद्ध पहले से कई बीमारियों से ग्रसित होने के कारण उनके लिए कई तरह की आशंकाएं उठ खड़ी होती है।
बचाव को अपनाएं ये उपाय ..
1-तड़के टहलने निकलने से करें परहेज।
2-रजाई, कंबल से निकलने के तुरंत बाद बाहर न जाएं।
3-गर्म पानी का सेवन नियमित करें।
4-फुल आस्तीन के कपड़े, स्वेटर ही पहनें।
5-ताजा भोजन करें और ठंडी चीजों से बचें।