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बीमारियों का वार, अस्पतालों में मरीजों की भरमार

आजमगढ़ जिला अस्पताल हो या महिला अस्पताल या फिर सीएचसी व पीएचसी सब अस्पतालों में मरीजों की भीड़ दिख रही है। अकेले जिला मंडलीय चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग 2500 से तीन हजार मरीज पहुंच रहे हैं। वायरल संक्रमण टायफाइड व मलेरिया से अधिक लोगों की तबियत खराब हो रही है। वहीं चिकनगुनिया व डेंगू का भी खतरा मंडरा रहा है। जिले में डेंगू से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 11:32 PM (IST)
बीमारियों का वार, अस्पतालों में मरीजों की भरमार
बीमारियों का वार, अस्पतालों में मरीजों की भरमार

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिला अस्पताल हो या महिला अस्पताल या फिर सीएचसी व पीएचसी सब अस्पतालों में मरीजों की भीड़ दिख रही है। अकेले जिला मंडलीय चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग 2500 से तीन हजार मरीज पहुंच रहे हैं। वायरल संक्रमण, टायफाइड व मलेरिया से अधिक लोगों की तबीयत खराब हो रही है। वहीं चिकनगुनिया व डेंगू का भी खतरा मंडरा रहा है। जिले में डेंगू से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है।

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मौसम की वजह से वायरल संक्रमण का कहर जारी है। जिला मंडलीय चिकित्सालय में प्रतिदिन 2500 से तीन हजार मरीजों का पंजीकरण होता है। सबसे ज्यादा लोग मलेरिया, टायफाइड से पीड़ित हैं। फिजीशियन के यहां सुबह नौ बजे से ही लाइन लगी रहती है। ओपीडी कक्ष व पैथालॉजी कक्ष के बाहर मरीजों की भरमार रहती है। नंबर लगाने के बाद करीब दो घंटे बाद मरीज डाक्टर को दिखा पाता है और ब्लड जांच के लिए करीब दो घंटे लाइन लगाना पड़ता है। ओपीडी कक्ष व पैथालॉजी कक्ष के बाहर मरीजों को बैठने का स्थान नहीं है और न ही पंखा आदि की कोई व्यवस्था है। ढाई सौ की जांच में 50 से अधिक मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं। अस्पताल में आने वाले अधिकतर मरीजों को टायफाइड व मलेरिया की शिकायत मिल रही है। वहीं मरीजों को ब्लड देने के बाद जांच रिपोर्ट एक दिन बाद मिल रही है। सुबह आठ बजे से ही मरीज अस्पताल पहुंच जा रहे हैं। दोपहर दो बजे तक मरीज आते रहते हैं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. राजनाथ ने बताया कि बारिश के मौसम में मच्छर व दूषित पानी की वजह से बीमारी फैल रही है। वायरल बुखार ठीक न होने से टायफाइड का रूप धारण कर ले रहा है। मरीज को एक सप्ताह से अधिक बुखार रहने पर जांच के बाद ही दवा दी जा रही है।


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