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कुटीर उद्योग की तर्ज पर पनपा अवैध शराब का धंधा

पुलिस व आबकारी विभाग की शिथिलता से जिले में अवैध शराब का कारोबार कुटीर उद्योग की तरह पनप चुका है। जगह जगह अवैध रूप से संचालित शराब की फैक्ट्रियों में तैयार विभिन्न ब्रांडों के नकली शराब

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 05:40 PM (IST)
कुटीर उद्योग की तर्ज पर पनपा अवैध शराब का धंधा
कुटीर उद्योग की तर्ज पर पनपा अवैध शराब का धंधा

आजमगढ़ : पुलिस व आबकारी विभाग की शिथिलता से जिले में अवैध शराब का कारोबार कुटीर उद्योग की तरह पनप चुका है। जगह-जगह अवैध रूप से संचालित शराब की फैक्ट्रियों में तैयार विभिन्न ब्रांडों के नकली शराब को वे आबकारी की वैध दुकानों पर बिक्री के लिए सप्लाई करते हैं। मोटी कमाई के लालच देकर शराब माफिया आबकारी की दुकानों के सेल्समैन को भी धंधे में शामिल कर लिया है।

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उक्त बात का खुलासा स्वयं एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप ¨सह पकड़े गए कारोबारी से पूछताछ के बाद कही। बता दें कि जिले के देवरांचल क्षेत्र में लगभग दो साल पूर्व जहरीली शराब से चार दर्जन लोगों की हुई मौत की त्रासदी को जिले के लोग याद कर आज भी सिहर जाते हैं। घटना के बाद पुलिस व प्रशासन की ओर से की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद काफी दिनों तक अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लग गया था। इधर पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों की शिथिलता से एक बार फिर से अवैध शराब कारोबारी जिले में सक्रिय हो गए हैं। डिस्टिलरियों से निकलने वाली रेक्टीफाइड शराब की खेप को शराब माफिया जिले में मंगवाते हैं। शराब माफियाओं द्वारा जिले के सुनसान इलाके जैसे सिवान, नदी के तलहटी जैसे सुरक्षित स्थानों का चयन करते हैं। इसी प्रकार से स्कूल, मकान आदि किराए पर लेते हैं। इन सभी सुरक्षित स्थानों पर कुटीर उद्योग की तरह अवैध शराब की फैक्ट्रियों का संचालन कर विभिन्न ब्रांडों के नाम से नकली शराब तैयार करते हैं। तैयार किए गए नकली शराब की सप्लाई आबकारी विभाग के ही दुकानों पर करते हैं। आबकारी दुकानों के सेल्समैन को मोटी कमाई की लालच में आकर शराब माफियाओं द्वारा तैयार किया हुआ नकली शराब को बेखौफ होकर बेच रहे हैं। इसके पूर्व भी अभी पुलिस ने अवैध शराब की जितनी फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया, वहां से पकड़े गए शराब कारोबारी भी यही बात बता चुके हैं। इसके बाद भी आबकारी विभाग की तंद्रा भंग नहीं हो रही है। अवैध शराब की बिक्री से न केवल करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है।


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