Move to Jagran APP

कई निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग का छापा

आजमगढ़ जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर पवई क्षेत्र के निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान कुछ संचालक मौके से फरार हो गए तो आधा दर्जन अस्पताल संचालक पंजीकरण नहीं दिखा पाए। अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रिपोर्ट बनाकर सीएमओ कार्यालय में भेज दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:41 PM (IST)
कई निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग का छापा
कई निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग का छापा

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर पवई क्षेत्र के निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की। इस दौरान कुछ संचालक मौके से फरार हो गए तो आधा दर्जन अस्पताल संचालक पंजीकरण नहीं दिखा पाए। अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रिपोर्ट बनाकर सीएमओ कार्यालय में भेज दिया। स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम शनिवार को सबसे पहले पवई-मिल्कीपुर रोड पर धुंधरी गांव के पास सुधांशु हास्पिटल एवं एक्सीडेंट केयर सेंटर में छापेमारी की।

loksabha election banner

अस्पताल डा. संजय सिंह के नाम पर चल रहा था लेकिन पंजीकृत नहीं था। वहां मौजूद एक कर्मचारी ने डा. संजय सिंह से बात कराई तो उन्होंने अस्पताल के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। उसके बाद पवई-माहुल रोड पर संचालित हो रहे इंडियन हेल्थ केयर सेंटर में छापेमारी हुई। पंजीकरण मांगने पर कर्मचारी नहीं दिखा पाया और संचालक मौके से फरार हो गया। पर्ची पर जिन डॉक्टरों का नाम मिला उनमें डा. एके द्विवेदी एवं डा. पिकी सिंह दोनों मौके पर नहीं थीं। टीम बंगाली चांदसी दवाखाना व शहनाज हेल्थ केयर सेंटर पहुंची। दोनों जगहों पर पंजीकरण नहीं मिला। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डा. राहुलकांत यादव ने बताया कि फर्जी ढंग से महिला बिना पंजीकरण के मरीज देख रही थी। सीएचसी स्थित संचालित हो रहे शिवांगी क्लीनिक एवं हड्डी फ्रैक्चर सेंटर में छापेमारी की गई। वहां डा. एसडी अब्बासी, डा. गीता, डा. एसएन कौसल, डा. आरडी यादव के नाम का बोर्ड लगा था लेकिन पंजीकरण नहीं था। माडर्न कृष्णा मेडिकल सेंटर में छापेमारी की गई, वह भी पंजीकृत नहीं मिला। डा. राहुलकांत यादव ने बताया कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों से बात की गई तो पता चला कि मरीजों को नर्सिंग होम तक पहुंचाने में आशा बहुओं की अहम भूमिका है। मरीजों से मनमाना रकम वसूली की जा रही है। चिकित्सा अधीक्षक डा. अरविद चौधरी ने बताया कि जांच रिपोर्ट सीएमओ आफिस भेज दी गई है। जो भी कार्रवाई होगी उच्चाधिकारियों द्वारा की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.