हरिनाम से सारे संताप हो जाते हैं दूर : राधा
आजमगढ़ : श्रीकृष्ण गौशाला समिति के शताब्दी वर्ष पर नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन शुक्रवार को भागवत रस की वर्षा होती रही। कथा व्यास राधा किशोरी ने भागवत कथा में वामन अवतार, श्रीराम जन्मोत्सव, श्रीकृष्णोत्सव कथा का अमृत रसपान कराया। मंच पर प्रभु श्रीकृष्ण की आकर्षक झांकी देख श्रद्धालु ठाकुर जी के प्रेम में नाचने-गाने लगे। प्रभु की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।
आजमगढ़ : श्रीकृष्ण गौशाला समिति के शताब्दी वर्ष पर नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में चौथे दिन शुक्रवार को भागवत रस की वर्षा होती रही। कथा व्यास राधा किशोरी ने भागवत कथा में वामन अवतार, श्रीराम जन्मोत्सव, श्रीकृष्णोत्सव कथा का अमृत रसपान कराया। मंच पर प्रभु श्रीकृष्ण की आकर्षक झांकी देख श्रद्धालु ठाकुर जी के प्रेम में नाचने-गाने लगे। प्रभु की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।
कथा व्यास राधा किशोरी जी ने वामन अवतार की कथा का प्रसंग सुनाया तो श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा वामन विष्णु के पांचवें तथा त्रेता युग में भगवान वामन 52 अंगुल का रूप धारण करके प्रकट हुए और भगवान राजा बलि के द्वार पर पहुंचे और तीन पग भूमि दान की याचना की। भूमि दान करने के लिए राजाबलि राजी हो गए फिर भगवान विशाल रूप धर कर दो पग में सारे लोक नाप दिया। फिर राजा बलि को गलती का अहसास हुआ और उन्होंने प्रभु के आगे सिर झुकाया। कथा व्यास ने भगवान के नाम की महिमा का गान करते हुए बताया कलियुग में कल्याण का व भगवत चरणों को प्राप्त करने का साधन एकभाव हरी नाम है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान से भक्ति के अतिरिक्त और कुछ नहीं मांगना। चौथे दिन अभिषेक जायसवाल दीनू, मनोज खेतान, वीरेंद्र बरनवाल ने कथा व्यास राधा किशोरी की आरती उतारते हुए भागवत को प्रणाम किया। आरती और प्रसाद वितरण के साथ कथा को विश्राम दिया गया। कथा में अशोक रूंगटा, अजय अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, बाबी अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, चंदन अग्रवाल, सुबाष सोनकर, जयप्रकाश यादव, परमजीत ¨सह आदि उपस्थित थे।