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आखिरी मंगलवार को हनुमत दरबार गुलजार

-सावन -प्राचीन हनुमानगढ़ी में भोर से ही पहुंचने लगे थे श्रद्धालु -दूध मिश्रित पकवान का भोग ल

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 05:03 PM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 05:03 PM (IST)
आखिरी मंगलवार को हनुमत दरबार गुलजार
आखिरी मंगलवार को हनुमत दरबार गुलजार

-सावन :::

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-प्राचीन हनुमानगढ़ी में भोर से ही पहुंचने लगे थे श्रद्धालु

-दूध मिश्रित पकवान का भोग लगाकर की आरती

-गूंजते रहे घंट-घड़ियाल, नहीं दिखा कोरोना का खौफ

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सावन का महीना हो, शिव के साथ डीह, काली, समय-पहर की देवी सम्मो माता की पूजा हो, नागदेव का दर्शन हो और हनुमान जी भूल जाएं, ऐसा हो ही नहीं सकता। कुछ ऐसा ही दिखा सावन के अंतिम मंगलवार को जब घरों में दुग्ध मिश्रित पकवान बने हनुमान जी के लिए। इस बार कोरोना का खौफ कम हुआ तो मंदिरों में भीड़ भी ज्यादा रही।

कुछ ने घरों में ही हनुमान जी को रोट, लड्डू, चना के साथ तुलसी दल अर्पित किया तो तमाम ऐसे भी थे जो मंदिरों में पहुंचकर दर्शन करने से नहीं चूके। मंदिरों से लेकर घरों तक में आज मंगलवार है, महावीर का वार है, सच्चे मन से जो भी पूजे उसका बेड़ा पार है..। की गूंज होती रही। शहर में आस्था का आलम यह था कि तमाम लोगों ने मंदिरों दर्शन-पूजन के बाद बंदरों के इलाके यानी कचहरी क्षेत्र में पहुंचकर हलवा, पूड़ी के साथ केला और चना देकर पुण्य की कामना की।

ग्रामीण क्षेत्रों में सावन के अंतिम मंगलवार को रोट कहा जाता है और इस अवसर पर बजरंग बली की मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। ठोकवा, चना, लड्डू के भोग के साथ विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना की गई। पूजन के उपरान्त हवन-पूजन कर पारिवारिक सुख समृद्धि की कामना की गई।


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