अब पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत निर्धारित किया गया लक्ष्य -एक बरेजा के निर्माण पर खर्च होंगे
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत निर्धारित किया गया लक्ष्य
-एक बरेजा के निर्माण पर खर्च होंगे एक लाख, 906 रुपये
-प्रथम आवक, प्रथम पावक के आधार पर ही होगा चयन
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: जनपद में खत्म हो रही पान की खेती को नया जीवन देने के लिए शासन ने अनुदान मानक में बदलाव किया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत पान विकास योजना के तहत अब शासन 50 फीसद अनुदान देगा। इसके लिए जिले का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें एक हजार वर्ग मीटर में प्रति बरेजा के निर्माण के लिए पांच का लक्ष्य निर्धारित है। जबकि गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन के लिए 1500 वर्ग मीटर में प्रति बरेजा के हिसाब से तीन का लक्ष्य निर्धारित है। एक बरेजा पर एक लाख, 906 रुपये खर्च होंगे, जिसमें 50,453 रुपये शासन अनुदान देगा। योजना के लाभ के लिए किसानों को आनलाइन पंजीकरण करना अनिवार्य है। चयन प्रथम आवक, प्रथम पावक के आधार पर किया जाएगा। लाभार्थियों के पास स्वयं की सिचाई का साधन होना आवश्यक है।
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उन्नतशील प्रजातियों के पान की खेती पर ही अनुदान अनुमन्य
योजना के तहत उन्नतशील प्रजाति की पान की खेती पर ही अनुदान अनुमन्य होगा। इसमें देशी पान, बंगला, कलकतिहा, मगही, बनारसी, कपूरी, रामटेक प्रजाति के पान शामिल है।
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कई साल बाद 50 फीसद अनुदान: जिले के फूलपुर के कनेरी और अहरौला के माहुल में देशी पान की खेती होती है। विभागीय सर्वे के अनुसार लगभग आठ हेक्टेयर में 67 बरेजा लगे हैं। जिले में पान की खेती के विकास के लिए एक बार पुन: शासन ने कई साल बाद 50 फीसद अनुदान देने का निर्णय लिया।
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समन्वयक की भूमिका निभाएगा विभाग
पान विकास योजना अंतर्गत खेती की बढ़ावा देने में उद्यान विभाग समन्वय की भूमिका निभाएगा। बरेजा निर्माण और निवेश की गुणवत्ता का मानक तय करने के बाद अन्य कार्य किसान खुद करेंगे।
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बैंक खाता व आधार कार्ड आवश्यक:::
पान विकास योजना के अंतर्गत बरेजा निर्माण के लिए लाभार्थी के पास बैंक खाता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड आवश्यक है।
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''जिले के फूलपुर व माहुल में कई परिवार पान की खेती करते हैं। अनुदान मिलने से पान किसानों की संख्या बढऩे से इन्कार नहीं किया जा सकता। अभी तक किसी किसान ने पंजीयन नहीं कराया है। 28 फरवरी तक बरेजा निर्माण व पौधों की कटिग का कार्य किया जाना है।
-ममता सिंह यादव, जिला उद्यान अधिकारी।