गोरखपुर नहीं आजमगढ़ से पकड़े गए मुन्ना बजरंगी के दो शूटर
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मुन्ना बजरंगी के जिन दो शूटरों को एसटीएफ गोरखपुर में गिरफ्तार करने का दावा
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मुन्ना बजरंगी के जिन दो शूटरों को एसटीएफ गोरखपुर में गिरफ्तार करने का दावा किया है, दरअसल उन्हें आजमगढ़ के अतरौलिया क्षेत्र से शुक्रवार को ही पकड़ लिया था। जिले की पुलिस की शिथिलता से एसटीएफ गोरखपुर ने जब बाजी मार ली तो यहां के पुलिस अधिकारी मन मसोस कर रह गए। अपनी विफलता का ठीकरा अब वे थानेदारों के साथ ही स्वाट टीम पर मढ़ रहे हैं।
गोरखपुर के खोराबार क्षेत्र में शनिवार की सुबह मुन्ना बजरंगी के जिन दो शूटरों को एसटीएफ गिरफ्तार करने का दावा कर रही है उक्त दोनों शूटरों पर 30-30 हजार रुपये का इनाम घोषित है। गिरफ्तार किए गए दोनों शूटर में संदीप यादव पुत्र जोगेंद्र यादव ग्राम हैदरपुर खास नान्हू का पुरवा थाना अतरौलिया व अंश बहादुर उर्फ छोटू उर्फ बबुआ पुत्र कांता ग्राम खानपुर फतेह थाना अतरौलिया के निवासी हैं। दोनों बदमाश धनबाद जेल में निरुद्ध मुन्ना बजरंगी के मुख्य सदस्य अमन ¨सह के शार्प शूटर हैं। अमन धनबाद के चर्चित डिप्टी मेयर नीरज ¨सह हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। अमन का नेटवर्क पूर्वांचल के कई जिलों में फैला हुआ है। अमन के इशारे पर ही दोनों बदमाश आजमगढ़, गोरखपुर समेत अन्य जनपदों के व्यापारियों समेत अन्य लोगों से रंगदारी की वसूली करते थे। दोनों बदमाशों ने अतरौलिया निवासी व कपड़ा व्यवसायी नीरज जायसवाल से रंगदारी की मांग कर रहे थे। रंगदारी न देने पर दोनों ने 25 अप्रैल की रात को नीरज के ऊपर गोली चलाते हुए जानलेवा हमला किया था। इस हमले के बाद से ही जिले की पुलिस उनकी तलाश में सरगर्मी से जुटी हुई थी। इस घटना में फरार चल रहे दोनों शूटरों पर आजमगढ़ की पुलिस ने 30-30 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। अमन के इशारे पर ही दोनों बदमाश शहर के एक ट्रांसपोर्टर की भी हत्या करने के फिराक में लगे हुए थे। इस बात की जानकारी जिले के पुलिस को भी थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों इनामी शूटरों को एसटीएफ गोरखपुर ने शुक्रवार की शाम को ही अतरौलिया क्षेत्र से पकड़ लिया था। पकड़े जाने की जानकारी जब तक जिले की पुलिस को होती उसके पहले ही एसटीएफ उन्हें लेकर गोरखपुर रवाना हो चुकी थी। उनके हाथ से दोनों शूटरों के निकल जाने की खबर से यहां के पुलिस अधिकारी सकते में दिखे। पुलिस के एक अधिकारी इस बात को तो स्वीकार कर रहे हैं, पर वे अपने इस नाकामी का ठीकरा अतरौलिया पुलिस के साथ ही स्वाट टीम पर मढ़ रहे हैं।