धनराशि आवंटन 20 करोड़, खर्च हुए सिर्फ 81 लाख
आजमगढ़ : जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में गुरुवार की रात कलेक्ट्रेट में कृषि एवं सम्वर्गीय विभागों (यथा उद्यान, पशुपालन, गन्ना, मत्स्य, ¨सचाई विभाग) के अधिकारियों के साथ उनके विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
आजमगढ़ : जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में कृषि एवं संवर्गीय विभागों (यथा उद्यान, पशुपालन, गन्ना, मत्स्य, ¨सचाई विभाग) के अधिकारियों के साथ उनके विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें कई विभागों द्वारा लक्ष्य के अनुसार कम धनराशि खर्च होने पर नाराजगी जताई और हर हाल में नवंबर तक इस धनराशि को खर्च करने का निर्देश दिया।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन, ¨सचाई एवं जल संसाधन विभाग को सम्मिलित करते हुए कुल 20.02 करोड़ धनराशि के सापेक्ष माह अक्टूबर तक कुल 81.59 लाख रुपये व्यय किया गया है। गन्ना, मत्स्य एवं ¨सचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा प्राप्त धनराशि के सापेक्ष शून्य व्यय पाया गया। इसमें गन्ना का 3.09 करोड़, मत्स्य का 2.58 करोड़ रुपये रिलीज हुआ है। शेष ¨सचाई एवं जल संसाधन विभाग की धनराशि अवमुक्त है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों को कार्ययोजना की एक प्रति उपलब्ध करा दी गई है, इसमें संबंधित विभाग को यदि कोई संशोधन करना है तो संशोधित करके प्रस्ताव तीन दिवस के अंदर उप कृषि निदेशक कार्यालय को उपलब्ध करा दें, जिससे संशोधित प्रस्ताव को तदनुसार सम्मिलित करते हुए कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा सके। कृषि, उद्यान एवं पशुपालन विभाग द्वारा आवंटित धनराशि के सापेक्ष क्रमश: 70.96, 30.26 एवं 32.47 प्रतिशत की धनराशि व्यय किया जाना पाया गया। जिला कृषि योजना तैयार किए जाने के लिए नामित संस्था कृषि उत्पादकता परिषद, नई दिल्ली के निदेशक डा. आरपी ¨सह द्वारा बताया गया कि जनपद आजमगढ़ के लिए 2017 से 2022 तक की जिला कृषि योजना की तैयारी अंतिम चरण में है। जनपद की आवश्यकताओं के अनुरूप टेंपलेट एवं प्रारूप पर संबंधित विभाग द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 24.26 करोड़, उद्यान विभाग द्वारा 4.08 करोड़, गन्ना विभाग द्वारा 3.09 करोड़, पशुपालन विभाग द्वारा 3.08 करोड़, दुग्ध विकास हेतु 42 लाख, मत्स्य उत्पादन के लिए 2.58 करोड़ तथा रेशम उत्पादन के लिए 24 लाख का प्रावधान करते हुए जनपद के लिए पांच वर्षो का कुल 37.77 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी कमलेश कुमार ¨सह, जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार गुप्ता, भूमि संरक्षण अधिकारी संगम ¨सह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. वीके ¨सह, जिला उद्यान अधिकारी बीके वर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वैज्ञानिक डा. आरपी ¨सह सहित नहर, नलकूप, ¨सचाई, सहकारिता, मत्स्य, दुग्ध तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जांच कराए जाने का निर्देश
उप कृषि निदेशक डा. आरके मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन योजना के अंतर्गत विकास खंड ठेकमा के मुस्तफाबाद में सामुदायिक गोदाम निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच हेतु तकनीकी अधिकारियों को टीम गठित कर समय समय से जांच कराए जाने का निर्देश दिया गया है। इसी प्रकार विकास खंड हरैया में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित किसान कल्याण केंद्र की भी जांच तकनीकी अधिकारियों की समिति गठित कर गुणवत्ता की जांच कराए जाने का निर्देश है। किसानों का अनुदान समय से दिया जाए
किसानों द्वारा कृषि यंत्र क्रय कर बिल अपलोड किए जा रहे हैं, उनका समय सीमा के अंतर्गत शत-प्रतिशत सत्यापन कर अनुदान भुगतान की कार्रवाई की जाय। जिलाधिकारी ने ¨सचाई एवं जल संसाधन विभाग के अवर अभियन्ता को निर्देशित करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्ष के परियोजनाओं के कार्य के प्रगति तथा उसकी यथा स्थिति की आख्या रिपोर्ट उप कृषि निदेशक को तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा सठियांव तथा पल्हनी के अंतर्गत जो तालाब बनाए गए हैं उसकी अद्यतन रिपोर्ट जांच करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।