डाटा हैक कर ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़
नोएडा में काल सेंटर की आड़ में विभिन्न कंपनियों व बैंकों का डाटा हैक कर करोड़ों की ठगी करने वाले राष्ट्रीय स्तर के एक रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया। पुलिस ने 25-25 हजार रुपये के इनामी दो साइबर
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : नोएडा में काल सेंटर की आड़ में विभिन्न कंपनियों व बैंकों का डाटा हैक कर करोड़ों की ठगी करने वाले राष्ट्रीय स्तर के रैकेट का भंडाफोड़ करने के साथ पुलिस ने 25-25 हजार रुपये के इनामी दो साइबर अपराधियों को नोएडा से ही गिरफ्तार कर उनके पास से कंप्यूटर, लैपटाप, प्रिटर, मोबाइल आदि बरामद किया।
एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों में सुधीर मेहतो पुत्र अवधेश मूल रूप से नालंदा (बिहार) जिले के थाना अस्थमा क्षेत्र के ग्राम मलमा का निवासी है। वह गाजियाबाद जिले के इंद्रपुरम क्षेत्र के प्रकाश नगर खोडा कालोनी में अस्थाई रूप से रहता है। दूसरा अपराधी कप्तान सिंह पुत्र विजय कुमार ग्राम फूलपुर खंडेरा, थाना जारचा जिला गौतमबुद्ध नगर का निवासी है। दोनों 25-25 हजार के इनामी अपराधी हैं। सरगना प्रदीप कुमार के गैंग में दर्जनों युवक शामिल हैं।
पूछताछ में पता चला कि गैंग के सदस्यों का जाल देश के कई शहरों में फैला हुआ है। अपने जाल में लोगों को फांस कर करोड़ों रुपये उड़ा चुके हैं। एसपी ने कहा कि पवई थाने में गैंग के शिकार बने एक व्यक्ति ने बीते मार्च माह में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उस दौरान गैंग के चार सदस्यों की गिरफ्तारी की थी, जबकि अन्य की तलाश कर रही थी। उसी मुकदमे में यह दोनों साइबर अपराधी भी वांछित चल रहे थे। साइबर टीम की मदद से अपराधियों तक पहुंची पुलिस
एसपी ने बताया कि साइबर क्राइम की टीम अपराधियों की तलाश में लगी थी। मुखबिर से सूचना मिली कि नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के शेफी मार्केट में एसएस एंड कंपनी के नाम से काल सेंटर व आनलाइन शापिग सेंटर चल रहा है। सेंटर की आड़ में साइबर अपराधियों का रैकेट लोगों की कमाई को उड़ा दे रहे हैं। इस सूचना पर फूलपुर के सब इंस्पेक्टर जावेद अजहर के नेतृत्व में पुलिस व साइबर क्राइम की टीम नोएडा पहुंची। एसटीएफ टीम की मदद से जिले की पुलिस ने काल सेंटर पर छापा मारकर दो इनामी साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। आनलाइन शापिग के नाम पर ठगी का चल रहा था धंधा
आजमगढ़ : आनलाइन शापिग के नाम पर ठगी करने का धंधा काफी दिनों से चल रहा था। एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों के पास से जो मोबाइल मिले हैं उससे पता चला कि फेक सिम से उन लोगों को फोन करते थे जो विभिन्न कंपनियों से आनलाइन शापिग करते हैं। वे विभिन्न कंपनियों का डाटा हैक कर आनलाइन शापिग करने वाले का पूरा विवरण प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद फोन कर उनका लकी ड्रा निकलने की लालच देकर अपने खाते में रुपये ट्रांसफर करा लेते हैं। जिस खाते में रुपये ट्रांसफर कराते हैं वह खाते भी फर्जी नाम पता पर रहते हैं। उनके पास से जो मोबाइल व कंप्यूटर आदि मिले हैं उसमें कई कंपनियों से लेकर बैंकों के भी डाटा मिले हैं।