पुरानी महायोजना पर नदी के बाढ़ क्षेत्र का होगा निर्धारण
आजमगढ़ एनजीटी के निर्देश पर तमसा नदी के बाढ़ क्षेत्र नदी पाटा आदि का निर्धारण अब 19
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : एनजीटी के निर्देश पर तमसा नदी के बाढ़ क्षेत्र, नदी पाटा आदि का निर्धारण अब 1985-2011 की महायोजना के अनुसार होगा। उसके बाद नदी के दोनों किनारों से निर्माणों के चिह्नीकरण की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए बाढ़ खंड, टाउन प्लानर और विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एनजीटी अनुश्रवण समिति द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार एडीए (आजमगढ़ विकास प्राधिकरण), बाढ़ खंड सिचाई विभाग व सहयुक्त नियोजक को संयुक्त रूप से तमसा नदी के किनारे से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, नदी का पाटा, कैचमेंट एरिया, हाई फ्लड क्षेत्र (प्लस) के आगे 50 मीटर तक निर्माण को चिह्नित कर सूचीबद्ध करना है। 15 दिनों में चिह्नीकरण का करना था, लेकिन समय अब समाप्त हो गया है। ऐसे में नदी क्षेत्र में एनजीटी का दायरा निर्धारित करने के लिए पुरानी महायोजना का सहारा लेना होगा। उसके बाद नदी किनारे के निर्माण को चिह्नित कर सूचीबद्ध किया जाएगा, फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। ''एनजीटी अनुश्रवण समिति के निर्देशानुसार नदी के दोनों तरफ निर्माणों को चिह्नित कराने के बाद ध्वस्तीकरण कराया जाना है। इसके अंतर्गत अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, नदी पाटा, कैचमेंट एरिया, हाई फ्लड क्षेत्र निर्धारित करने लिए तीन विभागों की टीम पुरानी महायोजना का सहारा लेगी।''
-बाबू सिंह, सचिव, एडीए।