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17.28 लाख की अनियमितता, पूर्व प्रधान से होगी वसूली

- गबन -ग्राम पंचायत फरिहां में कराए गए विकास कार्यों में मंडलीय व जिला स्तरीय टीम की जा

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 12:55 AM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 12:55 AM (IST)
17.28 लाख की अनियमितता, पूर्व प्रधान से होगी वसूली
17.28 लाख की अनियमितता, पूर्व प्रधान से होगी वसूली

- गबन ::::

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-ग्राम पंचायत फरिहां में कराए गए विकास कार्यों में मंडलीय व जिला स्तरीय टीम की जांच में खुली पोल

-ग्रामीण अभियंत्रण के तत्कालीन जेई व वीडीओ के निलंबन की संस्तुति

-जिला प्रोबेशन अधिकारी व एक जेई के खिलाफ विभागीय कार्रवाई जागरण संवाददाता, आजमगढ़: एक दिसंबर से 25 दिसंबर 2020 तक विकास कार्यों पर सर्वाधिक व्यय करने वालीं जिले की 25 ग्राम पंचायतों की जांच जिला स्तरीय टीम से कराई गई। जिसमें विकास खंड रानी की सराय की ग्राम पंचायत फरिहां में 17 लाख, 28 हजार, 284 रुपये, 87 पैसे की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई। डीएम राजेश कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित धनराशि की वसूली तत्कालीन ग्राम प्रधान से किए जाने का आदेश दिया है। जबकि प्रकरण में दोषी ग्राम विकास अधिकारी अभिमन्यु यादव एवं अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण रश्मि चौधरी के निलंबन और जिला प्रोबेशन अधिकारी बाबूलाल यादव एवं अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण जयराम सिंह यादव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। तत्कालीन अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग रानी की सराय रश्मि शर्मा(वर्तमान में गौतमबुद्ध नगर में तैनात) के निलंबन की संस्तुति की गई है।

मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने फरिहां ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों की जांच के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी बाबूलाल यादव एवं अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जयराम सिंह चौहान को जांच अधिकारी नामित किया था। दोनों अधिकारियों के प्रस्तुत जांच आख्या का परीक्षण जब कमिश्नर की ओर से गठित टीम ने पूर्व में इंगित कमियों को इंगित किया था, उसे आख्या में प्रस्तुत नहीं किया गया। बल्कि सतही तौर पर जांच आख्या प्रस्तुत की गई। उसके बाद जब जिला स्तरीय टीम ने जांच की तो आख्या में कोई प्रतिकूल तथ्य नहीं लाया गया था। जांच प्रक्रिया में जानबूझ कर गंभीर प्रकृति की अनियमितता, शासकीय धनराशि के अनियमित भुगतान जैसे तत्थों को छिपाए जाने, सतही तौर पर जांच किए जाने के प्रति प्रथम ²ष्टया दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।


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