डा. आंबेडकर पुस्तकालय प्रोजेक्ट की फाइल मिली, पर धनराधि नहीं
आजमगढ़ स्वीकृति के लिए भेजी गई थी जिसकी मंजूरी मिल थी। इसके बाद तो डीएम स्तर से क्रिटिकल गैप फंड से धनराशि स्वीकृति हुई और निदेशक समाज कल्याण विभाग से हीउन्नीस साल से अधूरे पड़े डा. आंबेडकर पुस्तकालय परियोजना की फाइल तो मिली। लेकिन विभागीय अधिकारियों की सारी कवायद 10 माह बाद भी जहां की तहां रह गई। ऐसे में सुधि पाठकों को अब भी आंबेडकर पुस्तकालय नसीब होने की संभावना नहीं दिख रही है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : स्वीकृति के लिए भेजी गई थी, जिसकी मंजूरी मिल थी। इसके बाद तो डीएम स्तर से क्रिटिकल गैप फंड से धनराशि स्वीकृत हुई और निदेशक समाज कल्याण विभाग से ही उन्नीस साल से अधूरे पड़े डा. आंबेडकर पुस्तकालय परियोजना की फाइल तो मिली। लेकिन विभागीय अधिकारियों की सारी कवायद 10 माह बाद भी जहां की तहां रह गई। ऐसे में सुधि पाठकों को अब भी आंबेडकर पुस्तकालय नसीब होने की संभावना नहीं दिख रही है।
डा. आंबेडकर पुस्तकालय निर्माण की परियोजना को स्वीकृति तत्कालीन बसपा सरकार में 1999 में मिली थी। निदेशालय समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्माण के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के मुताबिक 85 लाख रुपये कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को अवमुक्त कर दिया गया था। शहर के आराजीबाग में भवन का निर्माण वित्तीय वर्ष 2003-04 में पूरा कर जिला समाज कल्याण विभाग को हैंडओवर किया जाना था। लेकिन 80 लाख रुपये खर्च के बाद भी ऐसा संभव नहीं हो सका। शेष अन्य कार्य के लिए धन के लिए 1.30 करोड़ (पिछला 85 लाख रुपये प्लस) का नया आगणन निदेशालय समाज कल्याण को भेजा लेकिन धन नहीं मिला। इसके बाद तो जिला समाज कल्याण विभाग और कार्यदायी संस्था ने भी मौन साध लिए। अगस्त 2018 में मंडलायुक्त ने प्रकरण को गंभीरता से लिया और 50 लाख रुपये के ऊपर के प्रोजेक्ट समीक्षा में लापरवाही पर सन्न रह गए थे। कार्यदायी संस्था की अवर अभियंता अंकिता सिंह ने पूरी स्थिति से अवगत कराया था। मंडलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निदेशक समाज कल्याण विभाग और कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि को निर्देशित किया था कि जिलाधिकारी से मिलकर मरम्मत कर आगणन तैयार कर जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराएं। इसके बाद पहले तो फाइल तलाशी गई और उसके बाद कार्यदायी संस्था ने 33 लाख एक हजार का आगणन जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत किया। शेष धनराशि पांच लाख 81 हजार को छोड़कर 27 लाख 20 हजार रुपये का आगणन सीडीओ के पास है।
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जिला समाज कल्याण अधिकारी
डा. आंबेडकर पुस्तकालय भवन के अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए क्रिटिकल गैप फंड से स्वीकृति नहीं मिल सकी। इसके बाद निदेशालय समाज कल्याण के पास स्वीकृति के लिए पत्रावली भेजी गई थी लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली।
-राजेश कुमार यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी।
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