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गुनाह छिपाने को जलाए गए अवैध शराब के सबूत

जागरण संवाददाता पवई (आजमगढ़) जहरीली शराब प्रकरण में प्रशासन मामले को जितना दबाने की

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 06:41 PM (IST)
गुनाह छिपाने को जलाए गए अवैध शराब के सबूत
गुनाह छिपाने को जलाए गए अवैध शराब के सबूत

जागरण संवाददाता, पवई (आजमगढ़) : जहरीली शराब प्रकरण में प्रशासन मामले को जितना दबाने की कोशिश कर रहा उतनी ही तेजी से सच्चाई सामने आती जा रही है। गुरुवार को तड़के मित्तूपुर गांव के निकट सिवान में अवैध शराब के रैपर, ढक्कन इत्यादि अधजली स्थिति में बरामद हुए। भनक लगी तो पवई पुलिस व ग्रामीण एक साथ मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने जली सामग्रियों को छोड़ कुछ ठोस सबूत बनने वाले बिना जले रैपर, ढक्कर इत्यादि अपने साथ ले गई। जहरीली शराब से हो रही मौतों के मामले में पहले दिन से ही प्रशासन द्वारा पर्दा डालने से लोगों में आक्रोश है।

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गुरुवार की सुबह जहरीली शराब कांड में अपने बेटे पप्पू को खो चुके सीताराम खेत की ओर गए तो भारी मात्रा में अवैध शराब के जले रैपर, ढक्कर, प्लास्टिक की बोतलें देख सन्न रह गए। उन्होंने गांव में सूचना दी तो ग्रामीणों संग पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस वाले आग की भेंट न चढ़ पाने वाली सामग्री अपने साथ उठा ले गए। जहरीली शराब से मरने वालों की तादाद बढ़ने से प्रशासन भी दबाव में हैं। दरअसल, मित्तूपुर, बलईपुर, राजेपुर, चकिया, मैंदीपुर गांव में लोग उंगलियों पर एक दर्जन से ज्यादा मौतों को गिना रहे हैं। प्रशासन उनके दावों को न सिर्फ नजर अदांज कर रहा, बल्कि दबाने की कोशिश कर रहा है।

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कोरोना की गर्जना में गुम हो रही गरीबों की चीख-पुकार

पवई : कोरोना की गर्जना में गुम हो रही गरीबों की चीख-पुकार। जहरीली शराब से मौतें होने की बात लोग चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे, लेकिन हुक्मरान अपना राग अलापे हैं। सत्ताधारी-विपक्षी जनप्रनिधियों की खामोशी से अफसरशाही को बल मिल रहा है। जिला प्रशासन जांच के नाम पर गरीबों से बैंक एकाउंट नंबर, आधार कार्ड ले रहा है। उसका क्या प्रयोग होगा, ईश्वर ही जानें, क्योंकि राजस्वकर्मियों ने किसी को मुआवजे का भरोसा नहीं दिया है, जिससे आशंकाओं को बल मिल रहा है। पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि मौत की वजह पूछें तभी तो बताएं।

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रवि और रामशेर की आंखों की नहीं लौट रही रोशनी

पवई : मित्तूपुर के रवि और रामशेर की आंखों की रोशरी कई दिनों बाद भी नहीं लौट रही है। रवि ने बताया कि 150 रुपये में मोती से शराब खरीदकर पी थी। उसके बाद से ही धुंधला दिखाई पड़ रहा है। रामशेर के स्वजनों का कहना है कि जीवन भर की अपंगता तो और भी घातक है। मित्तूपुर में पहले से ही दो लोगों की अर्थियां उठ चुकी हैं।


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