विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ गईं पेयजल परियोजनाएं
-विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ गईं पेयजल परियोजनाएं
जागरण संवाददाता, तरवां (आजमगढ़) : सरकार जनता के लिए काफी कुछ करती है लेकिन उसके बाद अधिकारियों की उदासीनता से उसका लाभ बहुत दिनों तक नहीं मिल पाता। तरवां ब्लाक में कुछ ऐसा ही दिख रहा है। 88 ग्राम सभाओं की 1,91,727 की आबादी की प्यास बुझाने के लिए स्थापित पेयजल परियोजनाएं उदासीनता की भेंट चढ़ गईं। इसके अलावा स्थापित 4240 इंडिया मार्का हैंडपंपों में 462 निष्क्रिय पड़े हैं।
तरवां गांव में 47 लाख की लागत से वर्ष 2007- 08 में बनी पानी की टंकी आज भी अपने हाल पर आंसू बहा रही है। जिस समय इसका निर्माण हुआ उसी समय क्षेत्र के बीबीपुर गांव में भी उतनी ही लागत से टंकी का निर्माण कराया गया था। उस समय ग्रामीणों में इस बात की खुशी थी कि अब उन्हें भी घर बैठे पानी मिल जाएगा लेकिन कुछ ही दिनों बाद उम्मीदों पर पानी फिर गया। आज दोनों परियोजनाओं की स्थिति समान है। तरवां में लगी पानी की टंकी से तरवां बाजार, महाराजपुर, डिहवा, भीटवा, मोचवा, सरैया, आजाद नगर तक को पानी की आपूíत करनी थी। उसके लिए पाइपलाइन तो बिछा दी गई लेकिन कभी भी ढंग से सप्लाई नहीं हो सकी। आज दोनों परियोजनाएं पूरी तरह से बंद पड़ी हैं। तरवां की स्थिति यह है कि टंकी तो खड़ी है लेकिन मोटर गायब है। पंप रूम के कमरों के ताले व दरवाजे टूटे हुए हैं। जिस समय सप्लाई प्रारंभ हुई उसी समय जगह-जगह पाइप फटकर लीकेज होने के कारण परियोजना फेल होती गई। इसकी शिकायत कई बार ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों सहित जल निगम से की लेकिन समस्या जस की तस ही रही।
इस समस्या की जानकारी ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य अखिलेश मिश्र गुड्डू से की तो उन्होंने उच्चाधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र ठीक कराने की बात कही। गांव में इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाने का भी प्रयास करने का वादा किया। जिला पंचायत सदस्य रामकुंवर यादव ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल की समस्या है, लोग छोटे हैंडपंपों से दूषित पानी पी रहे हैं। दूरदराज के इलाकों में इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने की आवश्यकता है।
एडीओ पंचायत जनार्दन सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कुल 4240 इंडिया मार्का हैंडपंप हैं जिसमें 375 रिबोर व 87 मरम्मत योग्य है।