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200 रुपये से अधिक लिया शुल्क तो नहीं रहेंगे डोमराजा

जागरण संवाददाता आजमगढ़ शवों के अंतिम संस्कार के लिए दो सौ रुपये से ज्यादा लेने पर डोमरा

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 05:39 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 10:49 PM (IST)
200 रुपये से अधिक लिया शुल्क तो नहीं रहेंगे डोमराजा
200 रुपये से अधिक लिया शुल्क तो नहीं रहेंगे डोमराजा

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : शवों के अंतिम संस्कार के लिए दो सौ रुपये से ज्यादा लेने पर डोमराजा के खिलाफ कार्रवाई होगी। एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने दो टूक संदेश दिया है। उन्होंने कहाकि शव लेकर पहुंच रहे लोगों से अनाधिकृत वसूली अपराध है। शवों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक और डोमराजा व एक लकड़ी विक्रेता की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

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अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए तीमारदार से 3000 रुपये लिए गए थे, जिसे वापस कराया गया। डोमराजा को चेतावनी दी गई है कि निर्धारित 200 रुपये प्रति शव शुल्क और 10 रुपये रसीद के अलावा कोई पैसा नहीं लेना है। उधर, घाट से कुछ दूरी पर स्थित एक लकड़ी विक्रेता द्वारा 800 से 900 रुपये प्रति क्विटल लकड़ी बेचने का भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि एक और लकड़ी विक्रेता की व्यवस्था की जा रही है। अंतिम संस्कार के समय किसी भी मृतक के स्वजनों के साथ पैसे के लिए जोर-जबरदस्ती की गई तो कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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तत्कालीन सीआरओ व डोमराजा के बीच हुई थी बात

भारत रक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए अधिक पैसा मांगने की शिकायत पर तत्कालीन सीआरओ आलोक वर्मा और वर्तमान डोमराजा के बीच वार्ता हुई थी। लिखित रूप से यह तय हुआ कि प्रति शव 200 रुपये अंतिम संस्कार और 10 रुपये रसीद का ही लिया जाएगा।

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एक ही घाट पर संक्रमित व सामान्य शवों का अंतिम संस्कार

तमसा नदी किनारे राजघाट पर कुछ दूरी पर सामान्य व कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। हालांकि कोरोना संक्रमित मरीजों के शव का अंतिम संस्कार दक्षिण तरफ और सामान्य मृतकों के शव का अंतिम संस्कार उत्तर तरफ किए जाने की व्यवस्था है। ईओ नगर पालिका का निर्देशित किया गया है कि प्रतिदिन घाटों की साफ-सफाई, चूना छिड़काव व सैनिटाइेशन किया जाए। प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

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भारद ने पांच लावारिस शवों का किया अंतिम संस्कार

सामाजिक संगठन भारत रक्षा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था के पदाधिकारियों ने कोरोना काल में पांच लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है। उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में पांच से छह शवों का अंतिम संस्कार राजघाट पर होता था लेकिन कोरोना काल में यह संख्या लगभग आठ गुना बढ़ गई है। इसमें यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया कि किसकी कोरोना और किसकी सामान्य मौत हुई है।


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