सुबह घना कोहरा, दोपहर की धूप नहीं दिला सकी राहत
-मौसम -पछुआ हवा ने रोकी रफ्तार बंद कमरों में भगवान का तेज भी बेअसर - दिन ढलने के

-मौसम ::::
-पछुआ हवा ने रोकी रफ्तार, बंद कमरों में भगवान का तेज भी बेअसर
- दिन ढलने के बाद दोपहिया वाहन से सफर की नहीं पड़ी हिम्मत
- खुले में 10 मिनट बैठने के बाद बंद कमरों में जाना मजबूरी जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सुबह से घना कोहरा घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दे रहा था, लेकिन दोपहर में धूप निकली तो ठंड से राहत की उम्मीद जगी। लोग घरों से बाहर तो निकले लेकिन चंद मिनट बाद ही घरों में दुबक गए। पछुआ हवा के आगे धूप बेअसर रही। बंद कमरों में भगवान भास्कर के तेज का असर बिल्कुल नहीं था।
राहत की बात यह रही कि पूजा के लिए धुलकर रखा तिल सूख गया तो वहीं अन्य घरेलू काम निपटाने में आसानी हुई। मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव के बीच राहत की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। कभी धूप तो कभी आसमान में घना कोहरा अभी भी लोगों पर भारी पड़ रहा है।
खुले में 10 मिनट बैठने के बाद कमरों में जाना मजबूरी बन गई। सुबह और दिन ढलने के बाद शहर से बाहर इतना गहरा कोहरा कि सामने दिखना मुश्किल हो जा रहा है। रात में यात्रा करने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। ठंड की वजह से ठेला चालक व आम जन ठिठुरते दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 19 व न्यूनतम नौ डिग्री सेल्सियस, जबकि आर्द्रता 62 फीसद तथा हवा की गति तीन से पांच किमी प्रति घंटे रही। एक दिन पहले शनिवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री, न्यूनतम नौ डिग्री सेल्सियस रहा। यानी अधिकतम तापमान में दो डिग्री की वृद्धि रिकार्ड की गई, लेकिन उससे बहुत ज्यादा राहत नहीं मिली।
Edited By Jagran