कंप्यूटर शिक्षा से दूर हुए परिषदीय छात्र, कटघरे में विभाग
आजमगढ़ भले ही सरकार तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है लेकिन जनपद में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले जूनियर के छात्र कंप्यूटर शिक्षा से पूरी तरह से दूर है। जनपद के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में रखे गए लाखों रुपये के कंप्यूटर सेट धूल फांक रहे हैं। इसमें से कुछ कंप्यूटर संचालित हैं जो निर्वाचन के दौरान काम में लिए जाते हैं। छात्रों को कभी कंप्यूटर की शिक्षा दी ही नहीं गई जबकि जनपद के परिषदीय विद्यालयों में 50 से 60 के करीब कंप्यूटर अनुदेशक भी तैनात हैं।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : भले ही सरकार तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है लेकिन जनपद में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले जूनियर के छात्र कंप्यूटर शिक्षा से पूरी तरह से दूर है। जनपद के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में रखे गए लाखों रुपये के कंप्यूटर सेट धूल फांक रहे हैं। इसमें से कुछ कंप्यूटर संचालित हैं जो निर्वाचन के दौरान काम में लिए जाते हैं। छात्रों को कभी कंप्यूटर की शिक्षा दी ही नहीं गई जबकि जनपद के परिषदीय विद्यालयों में 50 से 60 के करीब कंप्यूटर अनुदेशक भी तैनात हैं।
परिषदीय विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा से लैस करने के लिए वर्ष 2004-05, 2005-06, 2006-07, 2008-09 और 2011-12 में कई किस्तों में शासन की तरफ से कुल 125 कंप्यूटर सेट प्रदान किए गए। इसमें एक विद्यालय को एक सेट कंप्यूटर के अलावा तीन-तीन मानीटर दिए गए। इसमें प्रत्येक ब्लाक के पांच-पांच विद्यालयों को एक-एक सेट कंप्यूटर दिए गए थे। जनपद में कुल 22 खंड शिक्षा क्षेत्र हैं। इसके अलावा शहर क्षेत्र को भी पांच कंप्यूटर सेट दिए गए थे। जनपद में कुल 983 जूनियर विद्यालय हैं। हर ब्लाक में कंप्यूटर सेट चालू भी किए गए लेकिन बाद में किनारे कर दिए गए। कहीं बिजली की व्यवस्था नहीं थी तो कहीं किन्हीं कारणों से पड़े रहें। कुछ स्थानों पर शिक्षकों ने सुरक्षित रखा तो वह निर्वाचन के काम आते हैं। कुल मिलाकर परिषदीय छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा का सपना धरा का धरा रह गया है। दूसरी तरफ कान्वेंट विद्यालयों में शुरुआती कक्षा से ही कंप्यूटर की शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे में सर्वशिक्षा अभियान का कितना असर होगा, इसका सहज ही कयास लगाया जा सकता है।
-------------------------
कंप्यूटर के मेंटीनेंस के लिए कई बार विभाग को लिखा गया। केवल एक बार एक लाख रुपये विभाग की तरफ से भेजा गया था। इसमें कुछ कंप्यूटर को दुरुस्त कराया गया था लेकिन बाद में वह भी कार्य करना बंद कर दिए। विद्यालयों में ही कंप्यूटर को रखवाया गया है।
--देवेंद्र कुमार पांडेय : बेसिक शिक्षा अधिकारी।