जीवनदायिनी तमसा में बनेंगे चेकडैम
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : भूगर्भ जलस्तर लगातार गिर रहा है। इसका प्रमुख कारण है भूजल का अत्यधिक दोहन
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : भूगर्भ जलस्तर लगातार गिर रहा है। इसका प्रमुख कारण है भूजल का अत्यधिक दोहन और जल संरक्षण का कोई खास प्रबंध न होना। अब शासन ने गिरते जलस्तर को बचाने के लिए नदियों पर चेकडैम के निर्माण की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत जीवनदायिनी तमसा नदी में चेकडैम बनाए जाएंगे। इसके निर्माण के लिए ¨सचाई विभाग द्वारा सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है।
तमसा को बाढ़ व सूखे से राहत दिए जाने को शासन गंभीर है। सूखे से राहत दिलाए जाने व बरसात के पानी को संरक्षित करने के लिए जिले में चेक डैम बनाया जाएगा। ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता लवकुश ¨सह ने बताया कि गत बुधवार को विधान भवन ¨सचाई मंत्री धर्मपाल ¨सह ने विभागीय बैठक में विलुप्त नदियों को पुनर्जीवित किए जाने की समीक्षा की। तमसा को पुनर्जीवित करने का प्लान तैयार किया गया है। श्री ¨सह ने बताया कि इस योजना को मिशन मोड में धरातल पर उतारा जाएगा। ¨सचाई विभाग द्वारा जिले में बह रही 89 किमी लंबी तमसा नदी व नालों का सर्वे कराकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कई माह तक चेक डैम में पानी रहेगा संरक्षित
चेक डैम बनने से वर्षा का पानी कई माह तक संरक्षित रहेगा। एक तरफ जहां बारिश न होने से नदी व नहरों के सूख जाने से फसल नष्ट हो जाती है। वहीं जमीनी जल स्तर भी नीचे चला जाता है। नदियों में चेक डैम बनने से उसके आसपास के खेतों का ¨सचाई भी हो सकेगा। इतना ही नहीं आसआस क्षेत्र के जलस्तर भी बरकरार रहेगा।
15 दिन के अंदर नोडल अधिकारी से मांगी रिपोर्ट
तमसा नदी को पुनर्जीवित करने को अधीक्षण अभियंता चतुर्दशम मंडल, ¨सचाई विभाग को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। साथ ही उन्हें निर्देशित किया गया है कि प्रारम्भिक रिपोर्ट 15 दिन के अंदर उपलब्ध कराएं। मंजूरी मिलते ही शुरू होगा काम
¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता लवकुश ¨सह ने बताया कि सर्वे करने का जिम्मा ¨सचाई विभाग को दिया गया है। जल्द से जल्द सर्वे रिपोर्ट बनाकर भेजा जाएगा। इसके बाद मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।